चुनावी ड्यूटी पर मरने वाले कर्मचारियों को 30 लाख रुपए का मुआवजा
चुनाव आयोग ने किया एलान, आवास से निकलने के बाद चुनावी ड्यूटी पर माना जाएगा कर्मचारी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. सात चरणों वाला लोकसभा चुनाव आज शाम कुछ छिटपुट घटनाओं के अलावा शांतिपूर्ण संपन्न हो गया. पूरे चुनाव के दौरान ड्यूटी पर तैनात कई अधिकारी, कर्मचारियों को भीषण गर्मी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी. अब चुनाव आयोग ने ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारियों को 30 लाख रुपए मुआवजा देने का एलान किया है. (Rs 30 lakh compensation to employees who die on election duty)
चुनाव आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु, चोट-चपेट लगने अथवा अपंगता पर मतदानकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों के परिजनों को मुआवजे की व्यवस्था निर्वाचन आयोग ने की है. उग्रवादी हिंसा, बम विस्फोट, सशस्त्र हमले में मौत पर परिजनों को 30 लाख रुपए दिए जाएंगे. कर्मचारियों, अधिकारियों के लिए मुआवजा राशि का अलग से प्रावधान है.
आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रशिक्षण सहित चुनाव संबंधी कार्य की रिपोर्ट करने के लिए निवास/कार्यालय छोड़ते ही चुनाव ड्यूटी पर माना जाएगा, जब तक कर्मचारी कार्य पूरा करके अपने निवास/कार्यालय वापस नहीं पहुंच जाता. यदि इस अवधि के दौरान कोई अनहोनी होती है तो इसे चुनाव ड्यूटी के समय हुई घटना माना जाएगा. निर्वाचन से संबंधित सभी प्रकार की ड्यूटी में लगाए गए कर्मचारियों-अधिकारियों का बीमा किया जाता है.
इसमें प्रशिक्षण, ईवीएम कमीशनिंग, मतदान, मतगणना दिवस पर कार्मिकों शामिल है. कार्मिकों में पीठीसीन-सहायक पीठासीन अधिकारी और उनकी टीम, सेक्टर-जोनल मजिस्ट्रेट, होमगार्ड, राज्य पुलिस, पीएसी, केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवान, विभिन्न विभागों के इंजीनियर, कुक, ड्राइवर और क्लीनर आदि तक कवर किए गए हैं. बीईएल/ईसीआईएल इंजीनियरों के लिए, प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) ड्यूटी की अवधि और वह अवधि जिसके लिए अधिकारी को कमीशनिंग, मतदान/मतगणना व्यवस्था के लिए प्रतिनियुक्त किया जाता है, को चुनाव ड्यूटी अवधि में माना जाएगा.