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एक वोट से उम्मीदवार हारा चुनाव, फिर हुआ चमत्कार, लोकसभा चुनाव में सबसे कम अंतर की जीत पर विवाद

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. लोकसभा 2024 में जहां भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के मतदाताओं जमीन दिखा दी वहीं इस चुनाव में भाजपा के 400 पार के नारे की भी हवा निकद गई. 10 साल की सत्ता के बाद भाजपा नेताओं के बिगड़े बोल और किसी भी हाल में जीत हासिल का घमंड चूर चूर हो गया. कांग्रेस सहित दूसरी पार्टियों के नेताओं को पार्टी में शामिल कर जिस तरह वाशिंग मशीन में धोने का काम किया उससे उसके कट्टर कार्यकर्ता भी असहज थे. (Candidate lost the election by one vote, then a miracle happened, controversy over the victory by the smallest margin in Lok Sabha elections)
 भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का वह बयान भाजपा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक की जरूरत नहीं, भाजपा अपने दम पर चुनाव जीत सकती है के बयान के आर एस एस को मानने वाले हिंदुओं का खून खौला दिया. नड्डा का यह बयान चुनाव के आखिर चरण में आया. यदि यह चुनाव शुरू होने के समय आया होता भाजपा ताश के पत्तों की तरह ढ़ह जाती. दो चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने वाली भाजपा इस बार सरकार तो बना लेगी लेकिन उसे सहयोगी दलों की बैशाखी पर पांच वर्ष निकालने होंगे.
 फिलहाल बात करते हैं एक वोट से चुनाव हारने वाले उम्मीदवार का, लोकसभा चुनाव में सबसे कम अंतर की सीट हारने पर विवाद बढ़ गया है. शिवसेना शिंदे गुट ने आखिरी समय मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से जोगेश्वरी के विधायक रविन्द्र वायकर को टिकट थमा दिया. वायकर उद्धव ठाकरे के करीबी थे लेकिन ईडी के चक्कर में शिंदे गुट में शामिल हुए थे. यहां लड़ाई रविन्द्र वायकर और शिवसेना उद्धव गुट के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर के बीच थी. ईवीएम की मतगणना में अमोल कीर्तिकर 1 वोट से चुनाव जीत गए थे. रविन्द्र वायकर ने आपत्ति जताते हुए पुनर्मतगणना की मांग की. दुबारा मतगणना हुई. इस मतगणना में पोस्टल बैलेट के 111 वोट जिसे पूर्व में साइड कर दिया गया है. निर्वाचन अधिकारी ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए रविन्द्र वायकर को 48 वोट से विजयी घोषित कर दिया. वायकर चुनाव जीत गए.
26 चरण की मतगणना के बाद आखिर इनवैलीड पोस्टल वोट का वेरिफिकेशन के बाद अमोल गजानन  किर्तीकर को 4 लाख 52 हजार 596 वोट और
रवींद्र वायकर को 4 लाख 52 हजार 644 वोट मिले. इसी तरह बीड़ में भाजपा उम्मीदवार पंकजा मुंडे को 853 वोट से विजयी किए जाने पर एनसीपी शरद गुट के उम्मीदवार ने पुनर्मतगणना की मांग की।  वहां पर पुनर्मतगणना की जा रही है.

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