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हाथरस भगदड़ में 134 लोगों की मौत, मरने वालों ज्यातर महिलाएं और बच्चे

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
हाथरस. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के रतिभानपुर गांव में चल रहे सत्संग में हुई भगदड़ में अब तक 134 की मौत हुई है. (Hathras Satsang Tragedy) हादसे में 100 से अधिक लोग घायल हैं जिन्हें हाथरस, अलीगढ़ और एटा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. (134 people died in Hathras stampede, most of the dead were women and children)
 हाथरस के डीएम आशीष कुमार त्रिपाठी ने बताया कि भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. सत्संग समापन के बाद निकलने की जल्दबाजी धक्का मुक्की हो गई. अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार हाथरस में 107 और एटा में 27 लोगों की मौत हुई है. हादसे में मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है. मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.
 घायलों को अस्पताल ले जाने के बाद वहां के हालात बहुत ही दर्दनाक थे. मृतकों को जमीन पर लिटा दिया गया. इलाज की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से यह स्थिति और खराब हो गई. ऑक्सीजन की भी कमी बताई जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ ने घायलों के उपचार में कोई लापरवाही नहीं बरतने के आदेश दिए हैं. उच्च अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है. मुख्यमंत्री स्वयं बुधवार को हाथरस जा रहे हैं.
पाल समुदाय से आने वाले भोले बाबा पहले पुलिस में नौकरी करते थे.18 साल बाद वहां से वीआरएस लेकर सत्संग करने लगे. उनके लाखों फॉलोअर्स हैं. कई बार सत्संग में भारी भीड़ जमा हो जाती है. हाथरस में उनके सत्संग के लिए प्रशासन से अनुमति मिली थी. सत्संग खत्म होने के बाद लोग पहले निकलने के जल्दबाजी करने लगे. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पीछे से धक्का दिए जाने के कारण आगे चल रहे लोग गिर गए. चीख पुकार के कारण भगदड़ मच गई. जो गिर गए थे उनको रौंदते हुए लोग भागने लगे. निकलने का मार्ग संकरा होने के कारण बड़ा हादसा हो गया.
स्वयंसेवकों की कमी भी एक कारण 
किसी भी सत्संग में कथाकार के स्वयंसेवक भीड़ को संभालते हैं. लेकिन यहां स्वयंसेवकों की कमी होने के कारण भगदड़ को संभाला नहीं जा सका. यह भी देखने में आया है कि सत्संग के लिए प्रशासन की अनुमति होने के बाद भी पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी.

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