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आदित्य ठाकरे की बढ़ेगी मुश्किलें, सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियन मर्डर केस में दायर जनहित याचिका की चीफ जस्टिस करेंगे सुनवाई

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान मर्डर केस में Sushant Singh Rajput, Disha Saliyan Murder Case) आदित्य ठाकरे के खिलाफ जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस की बेंच सुनवाई करेगी. यह जनहित याचिका सुनवाई के लिए 31 जुलाई 2024 को मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ के समक्ष क्रमांक 12 पर सूचीबद्ध किया गया है. लगभग बंद हो चुके इस मामले की सुनवाई से शिवसेना नेता पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. (Aditya Thackeray’s troubles will increase, Chief Justice will hear the PIL filed in Sushant Singh Rajput and Disha Salian murder case)
प्रतिवादी सीबीआई और राज्य पुलिस को अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है और दोनों मामलों में जांच में प्रगति के बारे में उच्च न्यायालय को बताना है.

यह याचिका सितंबर 2023 में ‘सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट एंड लिटिगेंट्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष राशिद खान पठान के माध्यम से दायर की गई थी. इस जनहित याचिका दायर करने के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने जांच के लिए एसआईटी गठित की थी. एसआईटी में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजीव जैन, डीसीपी अजय बंसल और सीनियर पीआई चिमाजी अढ़ाव शामिल थे.

भाजपा विधायक नितेश राणे ने वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक चिमाजी आढाव को एसआईटी में शामिल करने पर आपत्ति जताई, क्योंकि वे मालवणी पुलिस स्टेशन में कार्यरत हैं. कार्यकर्ताओं ने सीनियर पीआई चिमाजी अढ़ाव की ईमानदारी पर संदेह जताया है, क्योंकि उन्होंने दिशा सालियान की मौत के दृश्य का पुनर्निर्माण नहीं किया था और पर्याप्त सबूत होने के बावजूद प्रकरण में आज तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई. उन पर आरोप लगाया गया है कि वे कथित आरोपी आदित्य ठाकरे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

दिशा सालियान मामले में, मालवणी पुलिस स्टेशन के पूर्व आईओ पर जांच का फर्जी रिकॉर्ड बनाने का भी आरोप है.  सुधीर वोरा बनाम पुलिस आयुक्त, मुंबई 2004 Cr. I. J. 2278 में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार, उक्त पुलिस स्टेशन से जुड़े किसी भी पुलिस अधिकारी द्वारा जांच नहीं की जा सकती है. उच्च न्यायालय में उस दिन जनहित याचिका और तीन अंतरिम आवेदनों पर सुनवाई होगी.

इस जनहित याचिका में मुख्य संदिग्ध आदित्य ठाकरे ने उन्हें पक्ष प्रतिवादी (आईए (एसटी) संख्या 19336/2023) के रूप में जोड़ने के लिए हस्तक्षेप आवेदन दायर किया था.

चूंकि आदित्य ठाकरे द्वारा भरा गया हलफनामा झूठा और तुच्छ था, इसलिए याचिकाकर्ता राशिद खान पठान, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट लिटिगेशन एसोसिएशन के अध्यक्ष ने आदित्य ठाकरे और उनके वकील के खिलाफ अवमानना ​​और झूठी गवाही के तहत कार्रवाई करने के लिए एक आवेदन दायर किया था.

बालीवुड के उभरते कलाकार सुशांत सिंह राजपूत और उनकी सेक्रेटरी दिशा सालियन की हत्या अब तक अबूझ पहेली बनी हुई है. बिहार के रहने वाले सुशांत अपने माता- पिता के इकलौते पुत्र थे. 14 जून 2020 को सुशांत अपने कमरे में मृत पाए गए थे. जबकि दिशा सालियन 8 जून 2820 को मालाड की एक हाईराइज इमारत के नीचे पाई गई थी. दिशा सालियन की मौत के एक सप्ताह बाद ही सुशांत की मौत हुई थी. यह मामला अब हाईकोर्ट के पास है इसलिए समझा जा रहा है कि इन दोनों हत्याओं की सच्चाई सामने आ सकती है.

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