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बाढ़वन बंदरगाह से पैदा होगीं 12 लाख नौकरियां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी देश के सबसे बड़े बंदरगाह की अधारशिला

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी गुरुवार को पालघर स्थित बाढ़वन बंदरगाह की आधारशिला रखी. यह बंदरगाह दुनियां के सबसे बड़े और गहरे बंदरगाह में से एक होगा. बंदरगाह के निर्माण पर 76200 करोड़ रुपए खर्च होंगे. बंदरगाह से 12 लाख रोजगार पैदा होंगे. इसी के साथ प्रधानमंत्री ने मछुआरों की आजीविका के लिए 1563 करोड़ रुपये की बंदरगाह और मत्स्य पालन परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि बंदरगाह के विस्तार से पालघर क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदल जाएगी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजीत पवार सहित बड़ी संख्या में नेता और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे. (Barhwan port will generate 12 lakh jobs, Prime Minister Narendra Modi laid the foundation stone of the country’s largest port)

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बंदरगाह बनने से अब यह क्षेत्र रेलवे और हाईवे से भी जुड़ जाएगा और इससे इस क्षेत्र में नए कारोबार शुरू होंगे. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां जोर देकर कहा कि इस बंदरगाह का लाभ महाराष्ट्र के साथ-साथ इस क्षेत्र के स्थानीय लोगों और उनकी आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा.

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर मांगी माफी 
सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी. उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे और मेरे साथियों के लिए आराध्य देव हैं.  प्रतिमा गिरने हम सभी को ठेस लगी हैं. मैं उनके चरणों में शीश झुका का क्षमा मांगता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन किया था. उन्होंने कहा कि यह हमारा संस्कार है. जो लोग वीर सावरकर को गाली देते हैं क्या वे भी माफी मांगेंगे.

मोदी ने कहा कि यह बंदरगाह देश के व्यापार और औद्योगिक प्रगति का प्रमुख केंद्र बनेगा. बंदरगाह के विस्तार से क्षेत्र का चेहरा बदल जाएगा और एक नई पहचान बनेगी. साथ ही यह क्षेत्र वेस्टर्न फ्रंट कॉरिडोर, दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से भी जुड़ जाएगा. इससे पूरे साल बंदरगाह में कंटेनरों का परिवहन हो सकेगा. यह क्षेत्र पहले अपने किलों के लिए जाना जाता था, अब यह अपने आधुनिक बंदरगाह के लिए जाना जाएगा.
12 लाख नौकरियां पैदा होंगी
मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना का लाभ महाराष्ट्र को मिल रहा है और इसमें महाराष्ट्र का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि बंदरगाह के विस्तार से इस क्षेत्र में लाखों रुपये का निवेश होगा और करीब 12 लाख नौकरियां पैदा होंगी.

केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के विकास के लिए हमेशा बड़े फैसले लिए हैं. महाराष्ट्र का विकास मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसीलिए हमने हाल ही में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी रायगढ़ जिले के दिघी में एक बंदरगाह औद्योगिक क्षेत्र को मंजूरी दी है. ये महाराष्ट्र के नागरिकों के लिए दोगुनी ख़ुशी की बात है. दिघी पोर्ट औद्योगिक क्षेत्र छत्रपति शिवाजी महाराज के सपने का प्रतीक बनेगा. प्रधानमंत्री कहा, यह बंदरगाह पर्यटन और इको-रिसॉर्ट्स को बढ़ावा देगा.

 बंदरगाह परियोजना की विशेषताएं
● बंदरगाह के विस्तार पर 76,200 करोड़ रुपए की लागत आएगी.
● भारत का सबसे बड़ा गहरे पानी का बंदरगाह बनने का विस्तार.
● यह परियोजना विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यापार कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी.
● यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के अमृतकाल दृष्टिकोण के लिए बहुत महत्व रखती है.
● पश्चिमी तट पर स्थित एक विस्तार बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों से सीधी कनेक्टिविटी बनाएगा और पारगमन समय और लागत को कम करेगा.
● अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे से सुसज्जित, बंदरगाह में गहरी बर्थ, कुशल कार्गो हैंडलिंग सुविधाएं और आधुनिक बंदरगाह प्रबंधन प्रणाली होगी.
● इस बंदरगाह के निर्माण से भारत के समग्र आर्थिक लक्ष्यों के अनुरूप अमृतकाल के दौरान रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा होंगे.
● इस परियोजना से 10 लाख से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है.
● स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा दिया जाएगा और उनसे क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास में योगदान की उम्मीद की जाएगी.
● विस्तार बंदरगाह परियोजना में सतत विकास प्रथाओं को शामिल किया गया है, जो पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और सख्त पर्यावरणीय मानकों का पालन करने पर ध्यान केंद्रित करती है.
● एक बार परियोजना चालू हो जाने पर, बंदरगाह भारत की समुद्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा और वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा.
● बाढ़वन बंदरगाह परियोजना निजी क्षेत्र के भागीदारों की सक्रिय भागीदारी के साथ बंदरगाह, परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार की एक संयुक्त पहल है. बंदरगाह के चरणों में चालू होने की उम्मीद है, पहला चरण 2028 तक पूरा होने वाला है.
मत्स्य पालन अवसंरचना परियोजना
●  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी कार्यक्रम में 757.27 करोड़ रुपए की महत्वपूर्ण मत्स्य पालन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रख रहे हैं.
● इसमें मछली पकड़ने वाले बंदरगाहों का आधुनिकीकरण और मछली बाजारों का निर्माण शामिल है.
● यह परियोजना मछली और समुद्री भोजन की कटाई के बाद प्रबंधन के लिए आवश्यक सुविधाएं और स्वच्छता की स्थिति प्रदान करेगी.
● इस पहल को आंध्र प्रदेश, केरल और उड़ीसा राज्यों में भी लागू किया जाना है, जिसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में मछली पकड़ने के उद्योग के लिए बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को बढ़ाना है. मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर ट्रांसपोंडर की स्थापना का कार्य प्रारंभ हो गया है.
● 364 करोड़ रुपए की लागत से एक लाख मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर ट्रांसपोंडर लगाने की योजना को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया.
● इन स्वदेशी ट्रांसपोंडरों को इसरो द्वारा समुद्र में मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संकट के समय में उन्हें संचार करने में सक्षम बनाने के लिए विकसित किया गया है.
● स्वदेशी ट्रांसपोंडर फंसे हुए मछुआरों को संकट के समय संपर्क करने और सहायता पहुंचाने में मदद करेंगे.

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