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संदीप नाईक को लेकर एनसीपी शरदचंद्र पवार गुट में बगावत
एनसीपी में शामिल हुए नाइक, 11 वार्ड अध्यक्षों ने दिया इस्तीफा
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
नवी मुंबई. नवी मुंबई के बेलापुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा द्वारा मंदा म्हात्रे को उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप नाइक ने भाजपा से इस्तीफा देकर आज एनसीपी शरदचंद्र पवार में शामिल हो गए. टिकट नहीं मिलने पर संदीप नाइक ने पहले ही बागी होने के संकेत दे दिए थे. संदीप नाइक को पार्टी में शामिल करने से नाराज एनसीपी कार्यकर्ताओं ने बगावत कर दी है. (Rebellion in NCP Sharadchandra Pawar faction over Sandeep Naik)
शरद पवार गुट के पदाधिकारियों ने इस फैसले का विरोध करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इससे एनसीपी पवार गुट को चुनावी लाभ की जगह नुकसान हो सकता है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार गुट के 11 तालुका अध्यक्षों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. संदीप नाइक को पार्टी में शामिल करने का तीव्र विरोध हो रहा है. इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों का कहना है कि निष्ठावान कर्मचारियों के साथ अन्याय होने किए जाने के कारण सामूहिक इस्तीफा दिया है.
आज वाशी के विष्णुदास भावे थिएटर में आयोजित कार्यक्रम में संदीप नाइक ने जयंत पाटिल की उपस्थिति में राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार समूह में शामिल हो हुए. नाइक के साथ उनके कई समर्थक शरद पवार गुट में शामिल हुए. संदीप नाइक ने 25 से अधिक पूर्व नगरसेवकों के साथ एनसीपी शरद पवार समूह में प्रवेश किया.
विष्णुदास भावे हॉल के प्रवेश द्वार पर तुरही और राष्ट्रवादी झंडे फहराए जा रहे हैं। संदीप नाइक बेलापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं। विधानसभा चुनाव लड़ना चाह रहे संदीप नाइक ने पहले अजित पवार गुट से टिकट की मांग की, लेकिन उन्हें उनसे टिकट नहीं मिला. तो अब शरद पवार गुट में संदीप नाइक की एंट्री हो गई है. अब यह देखना अहम होगा कि शरद पवार गुट से उन्हें टिकट मिलता है या नहीं.
निलेश राणे भी हुए भाजपा से दूर
वहीं सांसद नारायण राणे के ज्येष्ठ पुत्र निलेश राणे भी भाजपा से इस्तीफा देकर शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए. निलेश राणे कुडाल विधानसभा चुनाव क्षेत्र से मैदान में उतरने वाले हैं. कहा जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने निलेश को शिंदे गुट में शामिल होने का सुझाव दिया था. मुंबई में भी जिन नेताओं को टिकट देने में भाजपा असमर्थ है ऐसे लोगों को शिंदे गुट के पास चुनाव लड़ने के लिए भेजा जा सकता है.