Breaking Newsमहाराष्ट्रमुंबईराजनीति

कांग्रेस को लगा एक और झटका, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मनपा में विरोधी पक्ष नेता रहे रवि राजा सैंकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. विधानसभा चुनाव के बीच मुंबई में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पांच बार मनपा में नगरसेवक और मनपा में विरोधी पक्ष नेता रहे रवि राजा आज सैंकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. रवि राजा सायन कोलीवाड़ा विधानसभा का टिकट नहीं देने पर कांग्रेस से नाराज थे, रवि राजा पिछले 40 वर्षों से कांग्रेस में रह कर पार्टी को आगे बढ़ाते रहे लेकिन उन्हें विधानसभा का टिकट नहीं दिया जा रहा था. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार सहित भाजपा के की नेता मौजूद थे. (Congress gets another blow, senior Congress leader and opposition leader in Municipal Corporation Ravi Raja joined BJP along with hundreds of supporters)

दरअसल जब कांग्रेस ने स्व. एकनाथ गायकवाड़ को मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया तब से ही कांग्रेस के नेताओं द्वारा रवि राजा को टार्गेट किया जाता रहा है. रवि राजा कांग्रेस के सबसे अनुभवी नेताओं में थे, पूर्व विधायक जगन्नाथ शेट्टी ने तो रवि राजा को हराने के लिए लोगों में पैसे बांटे थे, उसके बावजूद रवि राजा नगरसेवक चुन कर आए,  संजय निरुपम के मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद रवि राजा के अनुभव के कारण मनपा में विरोधी पक्ष नेता पद सौंपा गया. तीन अलग-अलग वार्डो से रवि राजा चुन कर आते रहे हैं, वोटरों में उनकी मजबूत पकड़ को कांग्रेस नेता नहीं समझ पाए उसे भाजपा ने समझा. रवि राजा की वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें मुंबई भाजपा का उपाध्यक्ष बनाया गया है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और  मुंबई कांग्रेस वर्षा गायकवाड़ पर आरोप है कि वे केवल बौद्ध और दलित और मुस्लिमों को आगे ला रहे हैं. इससे कांग्रेस में दूसरी बिरादरी के नेता खुद को असहज महसूस कर रहे हैं. कांग्रेस के की नेता ऐसे हैं जो एमआरसीसी जाना ही बंद कर दिए हैं. कभी मुंबई में कांग्रेस के 18 से 20 विधायक हुआ करते थे आज सिमट कर चार पर आ गई है. वह भी तीन मुस्लिम और एक दलित है.

अब दक्षिण भारतीय भी हो रहे दूर 

मुंबई में कांग्रेस के उत्तर भारतीय नेता पहले कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं. अब दक्षिण भारतीय नेता भी कांग्रेस से दूरी बनाने लग गए हैं. भाजपा का फोकस जहां हर वर्ग को साथ लेकर चलने की है वही कांग्रेस केवल अल्पसंख्यकों के साथ खड़ी दिखाई देती है. महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव गुट का सहारा नहीं मिलता तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाता.

अल्पसंख्यक नेता भी कर रहे बगावत 

कांग्रेस के पांच बार के नगरसेवक मोहसिन हैदर भी टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर बगावत कर रहे हैं. उन्हें यह कह कर टिकट नहीं दिया कि वे मुस्लिम हैं. कांग्रेसी ही कह रहे हैं कि गुटबाजी खत्म नहीं हुई कांग्रेस को ढ़ोने वाला कोई नहीं बचेगा.

Related Articles

Back to top button