महाकुंभ में 30 लोगों की मौत 60 घायल, पीपापुल को बंद करने से कंट्रोल नहीं हुई भीड़

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज. 29 जनवरी सुबह 4 बजे शाही स्नान से पूर्व प्रयागराज संगम पर हुई भगदड में 30 लोगों की मौत हो गई जबकि 60 लोग घायल हैं जिनका इलाज किया जा रहा है। सुबह संगम पर नहाने के लिए संगम पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासनिक नाकामी भी देखी गई। (30 people died and 60 were injured in Maha Kumbh, crowd could not be controlled even after closing Pipapul)
पहली लापरवाही: बड़ी संख्या में लोग ट्रेनों से प्रयागराज पहुंचे छिवकी और प्रयागराज स्टेशन की पूरी भीड़ को घाटों के हिसाब से डिवाइड करना था लेकिन पूरी भीड़ को संगम की तरफ भेज दिया गया। यह सबसे बड़ी लापरवाही साबित हुई।
दूसरी लापरवाही: जिन लोगों को झूसी की तरफ जाना था जाने नहीं दिया गया। झूसी की तरफ आने जाने के लिए बनाए गए पीपा पुल बंद थे। संगम की तरफ जाने से रोकने के लिए सभी 30 पीपा पुल बंद होने से लोग उस तरफ ही अटके रहे। इससे संगम की तरफ भीड़ बढ़ गई। भगदड़ के बाद 13 नंबर का पीपा पुल खोला गया। यह दूसरी बड़ी लापरवाही रही।
तीसरी लापरवाही : इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए कि रहने की व्यवस्था ही कम पड़ गई। 28 की शाम से लोग संगम के पास बने बैरिकेडिंग के पीछे खुले आसमान के नीचे सो गए। भीड़ बढ़ती गई। सबको संगम में डुबकी लगानी थी। बेरिकेडिंग टूट गई। लोग भीड़ गहरी नींद में सो रहे लोगों को रौंदने लगी। इससे बड़ी दुर्घटना हो गई।
चौथी लापरवाही: जो स्नान कर चुके थे उनको बाहर निकलने के लिए व्यवस्था नहीं थी। जिसे जौनपुर वाराणसी की तरफ जाना था उसे नैनी की तरफ ढ़केल दिया गया। जिसे रीवा की तरफ जाना था वे मिर्जापुर की तरफ चले गए। लोग भटकते रहे। घर जाने के लिए कोई साधन ही नहीं था पैदल चलने के अलावा। 15 – 20 किमी से वाहनों का आवागमन बंद। पार्किंग में बसे खड़ी थी लेकिन उन्हें निकाला ही नहीं गया। भीड कम करने के लिए प्रशासन को तुरंत ध्यान देना चाहिए।
25 लाख रुपए मुआवजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के प्रति शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि घटना दुखद है। मर्माहत करने वाला है। मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की। बसंत पंचमी को मेला प्रबंधन करने के लिए मुख्य सचिव एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रयागराज भेजा गया है। इस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
भीड़ नियंत्रित करने में लगे गाजीपुर के उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारी गाजीपुर जिले के निवासी अंजनी राय भी भीड़ में दब गए। राय की मौत हो गई।