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महाराष्ट्र सरकार ने पेश किया 7 लाख करोड़ का बजट, घरों की खरीद और फोर व्हीलर गाडियां होगी महंगी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने आज वर्ष 2025-26 के लिए 7 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया।( Maharashtra Budget 2025-26) राज्य के वित्त मंत्री अजीत पवार ने बजट पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि अब  ‘महाराष्ट्र अब नहीं रुकेगा…, विकास में अब और देरी नहीं होगी। यह बजट ‘विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र’ के सपने को साकार करने वाला है, जिसमें कृषि, गैर-कृषि क्षेत्र, उद्योग, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, बुनियादी ढांचा, सामाजिक विकास जैसे अनेक क्षेत्रों के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे घरेलू और विदेशी निवेश, रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि बजट राज्य के मतदाताओं द्वारा चुनावों में जताए गए विश्वास पर खरा उतरने में सफल होगा। (Maharashtra government presented a budget of 7 lakh crores, houses and cars will become expensive)

अपने बजट भाषण की शुरुआत में उन्होंने सभी गणमान्य व्यक्तियों का अभिवादन किया। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राज्य में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है और औद्योगिक विकास में राज्य हमेशा अग्रणी रहा है तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी यह देश में शीर्ष पर है। जनवरी 2025 में दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में राज्य सरकार ने कुल 63 कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके जरिए आगामी समय में 15 लाख 72 हजार 654 करोड़ रुपए का निवेश होगा। अजित पवार ने कहा कि अनुमान है कि इससे करीब 16 लाख नौकरियां पैदा होंगी। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा प्रस्तुत बजट की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं।

बजट की मुख्य विशेषताएं

–  सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं वित्तीय प्रबंधन अधिनियम के अनुसार राजकोषीय घाटे को सकल राज्य आय के 3 प्रतिशत से नीचे रखने में भी सफल रही है। राज्य का राजस्व घाटा लगातार राज्य आय के 1 प्रतिशत से कम बना हुआ है।
2. आर्थिक सुधारों, पूंजीगत व्यय में वृद्धि के माध्यम से विकास चक्र को बढ़ावा देकर राज्य की विकास दर को बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इसका लक्ष्य मुंबई महानगर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को 2030 तक 140 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 300 बिलियन डॉलर तथा 2047 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है। मुंबई महानगर क्षेत्र में शुरू की गई विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, जिनमें वाढवण बंदरगाह, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, बुलेट ट्रेन, मल्टीमॉडल कॉरिडोर, सबवे और मेट्रो परियोजनाएं शामिल हैं, इस क्षेत्र में विकास का केंद्र बनने के लिए तैयार हैं।
3. विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र की अवधारणा को साकार करने के लिए ‘मेक इन महाराष्ट्र’ के माध्यम से निवेश आकर्षित करने के लिए महाराष्ट्र की नई औद्योगिक नीति तैयार की जा रही है। अगले पांच वर्षों में 40 लाख करोड़ रुपए का निवेश और 50 लाख नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।
4. पिछले वर्ष कृषि क्षेत्र की निराशाजनक 3.3% वृद्धि दर के मद्देनजर, राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के कारण 2024-25 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर सुधरकर 8.7% हो गई। इस विकास दर को निरंतर बढ़ाने के लिए किसानों की आय में वृद्धि, कृषि उपज में मूल्य संवर्धन, सिंचाई सुविधाएं, बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
5. यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे कि राज्य को केंद्र प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक केंद्रीय धनराशि प्राप्त हो।
6. वस्तु एवं सेवा कर से राज्य का राजस्व प्रतिवर्ष लगभग 12 से 14 प्रतिशत बढ़ रहा है।
7. महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए धन की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सहायता, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से सहायता, सार्वजनिक परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण, योजनाओं को व्यवस्थित बनाना और अवसंरचना निवेश ट्रस्ट जैसी नवीन पहल की जाएंगी।
8. राज्य में राजमार्ग, बंदरगाह, हवाई अड्डे, जलमार्ग, बस परिवहन, रेलवे और मेट्रो सहित सभी संचार क्षेत्रों के लिए पर्याप्त बजटीय प्रावधान किया गया है।
9. गुणवत्तापूर्ण ग्रामीण सड़कों के साथ-साथ राज्य राजमार्गों और जिला सड़कों को सबसे अधिक वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
10. आगामी 5 वर्षों में सभी को आवास का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए राज्य की नई आवास नीति शीघ्र घोषित की जाएगी। ग्रामीण आवास योजनाओं के लिए 15,000 करोड़ रुपए और शहरी आवास योजनाओं के लिए 8,100 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
11. नव घोषित योजनाओं के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं। राज्य की वार्षिक योजना में 62,560 करोड़ रुपए अथवा लगभग 33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, तथा अनुसूचित जाति घटक योजना के लिए प्रावधान में 42 प्रतिशत तथा जनजातीय घटक योजना के लिए प्रावधान में 40 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
12. राज्य में वर्तमान में क्रियान्वित योजनाओं का मूल्यांकन कर उन्हें सुचारू बनाने के उपाय सुझाने तथा संसाधनों के स्रोतों का अध्ययन कर उन्हें बढ़ाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी। समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं के अधिक प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उपाय किए जाएंगे।
13. प्रत्यक्ष लाभार्थी अंतरण (डीबीटी) सभी व्यक्तिगत लाभार्थी योजनाओं के कार्यान्वयन को तीव्र, कुशल और पारदर्शी बनाने के लिए डीबीटी पद्धति लागू की जा रही है। 1 अप्रैल, 2025 से ऐसी व्यक्तिगत लाभार्थी योजनाओं का लाभ केवल डीबीटी के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।
14. राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए बजट के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है। बजट में विभिन्न स्मारकों, तीर्थ स्थलों और पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए विभिन्न परियोजनाओं के लिए पर्याप्त प्रावधान किया गया है।
15. राज्य में नौकायन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं।
16. खेल अवसंरचना विकसित करने और एथलीटों को सहायता देने के लिए नीतियां और बजटीय प्रावधान किया गया है।
17. स्मार्ट पीडीएस और ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के साथ-साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली में और अधिक पारदर्शिता लाई जाएगी।
18. अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष की पृष्ठभूमि में सहकारी क्षेत्र में महाराष्ट्र के नेतृत्व को उजागर करने के लिए विभिन्न उत्सव और गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
19. 5 किलोमीटर की परिधि में प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति तैयार की जाएगी।
20. राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन। व्यावसायिक शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए शिक्षा और परीक्षा शुल्क का 100 प्रतिशत कवरेज
21. कानूनी मामलों के शीघ्र निपटान के लिए राज्य में न्यायालयों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।

घर खरीदते समय भरी जाने वाली स्टैंप ड्यूटी में होगी वृद्धि

अधिनियम कलम 4 के अनुसार एक व्यवहार के लिए एक से अधिक दस्तावेज का उपयोग करने पर स्टांप ड्यूटी 100 की जगह 500 रुपए की गई है। महाराष्ट्र स्टांप अधिनियम की धारा 31 1 के अनुसार स्टांप ड्यूटी अभिनिर्णय प्रक्रिया के लिए लगने वाला शुल्क 100 रुपए बढ़ा कर 1000 रुपए कर दिया गया है। स्टांप ड्यूटी बढ़ने के बाद घरों की कीमत में भी वृद्धि निश्चित मानी जा रही है।
 कार खरीदना होगा महंगा 
 राज्य सरकार ने नई कारों की खरीद पर टैक्स दर में बढ़ोतरी कर दी है। 6 लाख कीमत वाल कारों पर 1% और 30 लाख से अधिक कीमत वाली कारों पर 6% शुल्क लगेगा। इससे कारों की कीमत बढ़ जाएंगी।ज्ञ

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