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मीठी नदी सफाई घोटाला: फिल्म अभिनेता डीनू मोरया, चीफ इंजीनियर रामगुडे सहित ठेकेदारों के ठिकानों पर ईडी का छापा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। मीठी नदी घोटाले में शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय ने मीठी नदी घोटाले में शामिल फिल्म अभिनेता डीनू मोरया, घोटाले का मुख्य आरोपी केतन कदम, बीएमसी स्टार्म वाटर ड्रेनेज विभाग के चीफ इंजीनियर प्रकाश रामगुडे सहित कई ठेकेदारों और अधिकारियों के आवास और कार्यालय पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी चल रही है। पिछले कुछ वर्षों में मीठी नदी की सफाई के नाम पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए गए लेकिन मीठी नदी की गंदगी साफ नहीं हो सकी। (Mithi river cleaning scam: ED raids the premises of film actor Dinu Morya, Chief Engineer Ramgude and contractors)

मुंबई में बाढ़ के लिए जिम्मेदार मीठी नदी का पिछले कई वर्षों से हर साल सफाई होती है। इसके लिए टेंडर जारी कर ठेकेदारों की नियुक्ति की जाती है। लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की सांठगांठ से सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए के घोटाले किए जाते रहे हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मीठी नदी की सफाई घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभिनेता डिनो मोरिया के मुंबई स्थित घर पर छापेमारी कर रहा है। जांच एजेंसी छह घंटे से अधिक समय से अभिनेता के घर पर है। छापेमारी के दौरान कथित तौर पर डीनू मोरया घर पर मौजूद हैं।

यह छापा मुंबई और कोच्चि में 15 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की जा रही है, जिसमें डीनू मोरया, उनके भाई सैंटिनो, ठेकेदारों और अन्य के परिसर शामिल हैं।यह जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है।

यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले ही अभिनेता और उनके भाई भ्रष्टाचार के एक मामले में पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस के सामने पेश हुए थे। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की अगुआई में पूछताछ आठ घंटे तक चली।मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के सूत्रों के अनुसार, अभिनेता और उनके भाई मामले के मुख्य आरोपी केतन कदम के संपर्क में थे, जिसे मई की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था।

मीठी नदी 17.8 किलोमीटर लंबी नदी है, जो विहार और पवई तालाब से निकलती है,और माहिम क्रीक पर अरब सागर में मिल जाती है। जुलाई 2005 में मुंबई में आई बाढ़ के बाद से ही यह नदी अपने भारी प्रदूषण और गाद के कारण चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसके कारण 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। प्रदूषण के कारण मीठी नदी की मानसून के दौरान बारिश के पानी को ले जाने की क्षमता कम हो जाती है।

2005 में आई भारी बाढ़ के बाद से नदी से गाद निकालने के लिए हर साल मोटी राशि जारी की जाती है। पिछले महीने, EOW ने मीठी नदी से गाद निकालने में 65 करोड़ रुपए की अनियमितता का आरोप लगाया था। ीएमसी  के अधिकारियों, केरल की एक फर्म और केतन कदम और जय जोशी सहित 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था , जो गाद निकालने वाली मशीनें किराए पर लेते थे। जय जोशी को गुरुवार को जमानत मिली थी। लेकिन उन पर भी ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है।

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