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मनपा जलाशयों में अक्टूबर तक जमा हुआ पानी, 10 वर्षों में सबसे ज्यादा पानी जमा होने का बना रिकॉर्ड

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। मुंबई महानगरपालिका को जलापूर्ति करने वाले सात जलाशयों में 50.75 प्रतिशत पानी जमा हो गया। यह पानी अक्टूबर तक के लिए पर्याप्त है। 23 मई से बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। खास कर जलाशय क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने से जल भंडार में तेजी से वृद्धि हो रही है। बीएमसी जल विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष जलाशयों में जितनी तेजी से पानी जमा हुआ है पिछले 10 वर्षों में इतना जल भंडारण नहीं हुआ था। जल भंडारण का यह नया रिकॉर्ड बना है। (Water accumulated in municipal reservoirs till October, record of maximum water accumulation in last 10 years)

मुंबई की जलापूर्ति  मानसून के समय सात जलाशयों में जमा होेने वाले पानी पर निर्भर है। जिस वर्ष कम बारिश होती है तो मुंबईकरों को पानी कटौती का सामना करना पड़ता है। मुंबई को प्रतिदिन 4200 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति होती है। यहां तेजी से हो रहे विकास के कारण पानी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। एसआरए, म्हाडा, के अलावा पुरानी इमारतों का रीडेवलमेट चल रहा है। पुरानी इमारतों की जगह हाईराइज इमारतें ले रही हैं। इससे पानी की मांग लगतार बढ़ रही है। इस समस्या से निपटने के लिए बीएमसी के पास कोई दूसरा उपाय नहीं है। गारगाई प्रोजेक्ट को अब तक वाइल्ड लाईफ की अनुमति नहीं मिली है। करीब  3 लाख पेड़ काटे जाने हैं। उन पेड़ों के बदले दूसरी जगह पेड लगाने के लिए जगह नहीं मिल रही है। इसके अलावा समुद्र के खारे पानी को मीठा बनाने की योजना में कोई प्रगति नहीं देखी जा रही है।

अधिकारी ने कहा कि सात जलाशयों अपर वैतरणा, मध्य वैतरणा, मोडक सागर, तानसा, भातसा, तुलसी और विहार में जल भंडारण की कुल क्षमता 14 लाख 47 हजार 363 मिलियन लीटर की है। 3 जुलाई तक जलाशयों में 7 लाख 34 हजार562 मिलियन लीटर पानी जमा हुआ है। मनपा जलाशयों में जमा कुल पानी केवल 8 महीनों के लिए ही पूरा होता है। इसी में मुंबई, ठाणे और भिवंडी को भी पानी सप्लाई की जाती है। ठाणे और भिवंडी को प्रतिदिन 200 मिलियन लीटर पानी आपूर्ति की जाती है। मुंबई में पानी की आवश्यकता और मांग के बीच अंतर बढ़ता जा रही है। जल्द नए प्रोजेक्ट नहीं बनाए गए तो आने वाले समय में पानी को लेकर मुंबई को अधिक परेशानी उठानी पड़ सकती है।

अपर वैतरणा में 66.38 प्रतिशत 

मोडक सागर में 63. 17 प्रतिशत 

तानसा में 46.85 प्रतिशत

मध्य वैतरणा में 59.02 प्रतिशत

भातसा में 41.13 प्रतिशत 

विहार में 26.00 प्रतिशत 

तुलसी जलाशय में 34.00 प्रतिशत पानी जमा हुआ है। 

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