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भाजपा विधायकों का निलंबन रद्द, असंवैधानिक’, ‘गैर-कानूनी’ औऱ ‘सदन की शक्तियों के परे : सुप्रीम कोर्ट
एक साल के लिए निलंबित थे विधायक

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Bjp12 Mla Suspension मुंबई. 4 जुलाई 2021 को महाराष्ट्र विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित किये गये भारतीय जनता पार्टी के12 विधायकों का निलंबन सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी 2022 शुक्रवार रद्द कर दिया है. विधायको ने विधानसभा अध्यक्ष के निलंबन आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में विधायकों के निलंबन को असंवैधानिक, गैरकानूनी और सदन की शक्तियों से परे बताया है.
निलंबित विधायको पर आरोप था कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की केबिन में प्रीसाइडिंग ऑफिसर भास्कर जाधव के खिलाफ अभद्र व्यवहार किया था.
राज्य के पार्लियामेंट अफेयर मंत्री अनिल परब ने भाजपा के12 विधायकों के खिलाफ निलंबित करने का प्रस्ताव लाया था जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया था.
हालांकि विधायकों ने अपनी गलती को मानते हुए निलंबन वापस लेने की मांग की थी जिसे मंजूर नहीं किया गया. निलंबित के कारण विधायक मुंबई अथवा नागपुर अधिवेशन में भाग नहीं ले सकते थे.
विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपने निलंबन की चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखते हुए सवाल किया था कि क्या इतने लंबे समय तक विधायकों को कैसे निलंबित रखा जा सकता है.
महाविकास आघाड़ी के दलों और भाजपा के बीच विधायकों को लेकर नोंक झोंक चल रही थी. राज्यपाल ने राज्य सरकार की तरफ से विधानपरिषद के लिए दिए गए 12 नामों को रोक दिया था. यही नहीं सांसद में भी इसका परिणाम दिखा. वहां भी महाविकास आघाड़ी दल और विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित कर दिया था.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सदन से बाहर विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव ‘असंवैधानिक’, ‘गैर-कानूनी’ औऱ ‘सदन की शक्तियों के विरुद्ध है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा निलंबन सत्र जारी रहने तक ही सीमित हो सकता है. पूर्व मुख्यमंत्री व विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा कि यह असत्य पर सत्य की जीत है. सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय ऐतिहासिक है. “सत्यमेव जयते”
राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने के बाद अध्ययन करके विधानसभा अध्यक्ष इस पर निर्णय लेंगे
बीजेपी के निलंबित विधायकों के नाम
संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भातखलकर, पराग अलवणी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया