
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई हाईकोर्ट ने बुधवार को (Mumbai Highcourt On Vaccination ) राज्य सरकार के जबरन कोविड लगाने के अभियान पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि सिद्ध करें की टीका जनहित में High Court Ask State Government Prove that vaccination is in the public interest) है. इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि नियमानुसार अनिवार्य रूप से टीका लगाने के संदर्भ में निर्णय के लिएसरकार ने बैठक ली थी लेकिन बैठक की नोटिंग नहीं की गई. हाईकोर्ट ने पूछा कि जबरन वैक्सीन लगाने का निर्णय किस आधार पर लिया गया है. सरकार के इस निर्णय के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता फिरोज मिठबोरवाला ने क्रिमिनल पीटीशन दायर की थी जिसकी सुनवाई चल रही है. लोकल ट्रेन में डबल वैक्सीनेशन को अनिवार्य किए जाने के खिलाफ यह याचिका दायर की गई थी.
राज्य सरकार की तरफ से कहा गया था कि टीका लगाने का निर्णय जनहित में है. उसमें कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता. यह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार है. लोकर में यात्रा के लिए वैक्सीनेशन जनहितैषी है यह सिद्ध करने का आदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एम एस कर्णिक की बेंच ने दिया है.
सरकार नेइससे पहले अपने जवाब में कहा था कि यह बहस गलत है कि टीकाकरण से संक्रमण नहीं रुकता है. टीकाकरण के बाद भी कुछ लोग संक्रमित हुए हैं. वैक्सीनेशन के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है. ऑक्सीजन के कारण लोगों की मृत्यु न हो यह हमारा प्रयास है. हाईकोर्ट ने पूछा कि सर्कुलर निकालते हुए सरकार ने किन विषयों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया था इसका हमें उत्तर दीजिए.