
एजेंसियां. अमेरिका में वैज्ञानिकों ने अस्थाई रूप से एक सूअर की किडनी को मानव शरीर से जोड़ने में सफलता हासिल की है. अब यह किडनी ठीक से काम कर रही है. इससे पहले भी जानवरों की किडनी मानव शरीर में ट्रांसप्लांट की कोशिश की गई थी लेकिन सफलता नहीं मिली थी. अमेरिका में हुए इस चमत्कार से लाखों किडनी मरीजों की आशाएं बलवती हो गई हैं. अमेरिकी वैज्ञानिकों के इस ट्रांसप्लांट को बड़ी खोजों में से एक बताया जा रहा है. इस सफलता के बाद भविष्य में जानवरों के अंगों का मानव शरीर में इस्तेमाल कर जानें बचाए जाने की संभावना बढ़ी है. डॉक्टर अभी इस केस का गहन अध्ययन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में लगे हैं. यह मामला अमेरिका के न्यूयॉर्क का है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क सिटी में स्थित एनवाईयू लैंगन हेल्थ सेंटर में डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. इस सर्जरी को बेहद चरणबद्ध तरीके से किया गया है. इसकी तैयारी भी काफी ठोस तरीके से की गई थी. किडनी ट्रांसप्लांट से पहले सूअर के जीन को बदल दिया गया था, ताकि मानव शरीर उसके अंग को तत्काल खारिज न कर पाएं.रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रांसप्लांट की यह प्रक्रिया एक ब्रेन डेड हो चुके पेशेंट पर की गई. पेशेंट की किडनी ने काम करना बंद कर दिया था, लेकिन उसे लाइफ सपोर्ट से हटाने से पहले डॉक्टरों ने उनके परिवारों से इस टेस्ट की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने यह प्रयोग किया. तीन दिन तक सूअर की किडनी ब्रेन डेड मरीज की रक्त वाहिकाओं से जुड़ा हुआ था. किडनी को शरीर के बाहर ही रखा गया था.
सफल प्रयोग से बंधी उम्मीदें
जब डॉक्टरों को लगा कि उनका यह प्रयोग सफल हो गया है तो उन्होंनें किडनी को मरीज के भीतर ट्रांसप्लांट कर दिया.ऐसा पहली बार हुआ है, जब मानव शरीर में किसी दूसरे प्राणी की किडनी का सफल ट्रांसप्लांट किया गया है. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि एक किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए औसतन करीब 3 से 5 साल का इंतजार करना पड़ता है. दुनियाभर में एक लाख से ज्यादा लोग ऑर्गन ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं. इसमें भी करीब 90 हजार ऐसे लोग हैं, जो सिर्फ किडनी ट्रांसप्लांट कराना चाहते हैं.




