
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के जुहू स्थित अधीश बंगले पर बीएमसी की कार्रवाई पर मुंबई हाईकोर्ट रोक लगा दी है. बीएमसी की तरफ से दिये गये आखिर नोटिस के खिलाफ राणे ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. मंगलवार को जस्टिस ए ए सईद और जस्टिस अभय आहुजा की बेंच में याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने राणे को राहत देते हुए बीएमसी को आदेश दिया कि वह फिलहाल कोई कार्रवाई न करे.
कोर्ट ने बीएमसी से कहा है कि निर्माण कार्य को नियमित करने के लिए नारायण की याचिका पर सुनवाई करके निर्णय दें.हाईकोर्ट ने बीएमसी की नोटिस पर तीन सप्ताह तक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि निर्माण कार्य नियमित करने की राणे की याचिका के खिलाफ निर्णय आता है उसके बाद भी राणे के पास दुबारा न्याय मांगने का विकल्प रहेगा.
राणे ने अपनी याचिका में कहा था कि आर्टलाइन प्रापर्टी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से नोटिस जारीकी गई थी जो राणे और उनके परिवार के शेयर्स में मर्ज कर दिया गया था. कंपनी का मालिक होने के कारण राणे और उनका परिवार अधीश में रहते हैं. जगह कंपनी के नाम होने के कारण कंपनी ने याचिका दायर की थी.
बीएमसी ने आरटीआई कार्यकर्ता की संतोष दौंडकर की शिकायत पर राणे के बंगले का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के बाद बीएमसी ने 351(1) के तहत अवैध निर्माण को तोड़ने की नोटिस दी थी. बीएमसी ने राणे को तीन बार नोटिस जारी किया था. नोटिस में कहा गया था कि सभी फ्लोर पर चेंज ऑफ यूजर के अलावा गार्डन की जगह पर रुम बनाए गए हैं. फिलहाल हाईकोर्ट के बीएमसी से कोई कार्रवाई नहीं करने के आदेश से राणे को राहत मिल गई है.