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पिंजरे में बंद ईडी के बाहर आते ही लगे पंख

भाजपा शासन में में हुई 2974 पर कार्रवाई

कांग्रेस राज में केवल 112 पर दर्ज हुए मामले

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

दिल्ली. केंद्र सरकार ने 2005 से 2022 तक धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत केंद्रीय जांच निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई कार्रवाई का ऑडिट लोकसभा में पेश किया है. ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार यूपीए-I और II के दौरान ईडी द्वारा केवल 112 मामले में कार्रवाई की गई थी. जबकि बीजेपी के कार्यकाल में पिछले आठ साल में 2974 कार्रवाई हुई है. कांग्रेस सरकार में केंद्रीय एजेंसियों को पिंजरे में बंद कर रखा गया था. मोदी सरकार आते ही पिंजरे का दरवाजा खोल कर ईडी को बाहर छोड़ दिया गया. पिंजरे से बाहर आते ही Enforcement officers को पंख लग गए हैं. उनके एक्शन से मनी लांड्रिंग करने वाले खौफ में हैं.

2005 में लागू हुआ PMLA कानून

विदित हो कि 2005 में कांग्रेस शासन में ही कानून अस्तित्व में आया था. तब से ही ईडी कार्रवाई कर रही है, लेकिन अब तक केवल 23 लोगों को ही दोषी ठहराया जा सका है. वित्त मंत्रालय ने कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के एक सवाल के जवाब में ये आंकड़े जारी किए हैं.  PMLA अधिनियम कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान अस्तित्व में आया. इस दौरान ईडी ने 5,316.16 करोड़ रुपये की हेराफेरी की 104 शिकायतें दर्ज की थीं. 2014 में केंद्र में बीजेपी सत्ता में आई थी. इस अवधि के दौरान कार्यों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई .

95,432 करोड़ रुपये की हो रही जांच

 बीजेपी के कार्यकाल में ईडी ने अब तक 2,974 छापे मारे हैं. सरकार ने लोकसभा को बताया है कि 839 शिकायतों के तहत 95,432 करोड़ रुपये की जांच चल रही है. 2005 से पीएमएलए अधिनियम के तहत कुल 3,086 छापे मारे गए हैं. 4,994 इन्फार्मेशन केस इनफार्मेशन रिपोर्ट (ICIR) दायर की गई है.  इन सभी मामलों में से 943 शिकायतें दर्ज की गई हैं. ईडी की कार्रवाई में सरकार अब तक 23 आरोपियों को दोषी पाये गये हैं.

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