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आरे मिल्क कालोनी के 18 हजार पशुओं पर पानी का संकट टला

रात 8.30 बजे हड़ताल वापस ली.

पशुओं को प्यासा छोड़ घर गए अधिकारी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
 मुंबई. मुंबई के बीचों बीच आरे के मिल्क कालोनी के हजारों जानवरों पर प्यासा मरने की नौबत (Water Crisis in aarey)आ गई है. आरे कालोनी में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने वाले ठेका कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने पानी आपूर्ति ठप हो गई है. खास बात यह कि आरे डेयरी के आधिकारी बेजुबान जानवरों को प्यासा छोड़ कर घर चले गए जबकि उन्हें पता था कि इस भीषण गर्मी में यदि पशुओं को पानी नहीं मिला तो वे दम तोड़ देंगे.
आरे मिल्क कालोनी में 32 पशु फार्मों में 18000 से पशु हैं, जिनमें से ज्यादातर दुधारू हैं. पवई तालाब के पानी पर पशु ही नहीं 5000 तबेला मालिक और 10,000 नागरिकों का जीवन संकट में पड़ गया है.
इन पशुओं को पीने के लिए पवई तालाब से बिना फिल्टर किये पानी की आपूर्ति होती है. इससे पहले डेयरी विभाग के कर्मचारी तबेले वालों को पानी सप्लाई किया करते थे, लेकिन राज्य सरकार और डेयरी प्रशासन ने कर्मचारियों की जगह पानी सप्लाई के लिए ठेकेदार की नियुक्ति कर दी. डेयरी प्रशासन ने ठेकेदार का पेमेंट रोक दिया तो ठेकेदार ने कामगारों के वेतन का भुगतान नहीं किया. इससे नाराज कामगार हड़ताल पर चले गए जिससे पानी आपूर्ति ठप हो गई.
आरे मिल्क कालोनी डेयरी विकास मंत्रालय के अधीन आता है जिसके मंत्री सुनील केदार हैं. स्थानीय शिवसेना विधायक सुनील प्रभु हैं. डेयरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों सीईओ और सीओ को इस बात की जानकारी होते हुए कि ठेकेदार का पेमेंट नहीं किया गया है.आंखाश मूंदे बैठे रहे. जब कर्मचारी हड़ताल पर चले गए तब भी अधिकारी पानी सप्लाई को रुकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं. अधिकारियों के इस रवैये से पशु फ़ार्म के मालिक परेशान हैं.
 आज ही हमें कामगारों के हड़ताल पर जाने का पत्र मिला है. पेमेंट को लेकर समस्या है जिस कारण से पानी आपूर्ति में बाधा आ रही है. हम उसी समस्या को हल करने का प्रयास कर रहे है.
  इन्साइट न्यूज स्टोरी की खबर का असर हड़ताल वापस 
आरे मिल्क कालोनी में  ठेका कर्मचारी के हड़ताल पर चले जाने के कारण पानी आपूर्ति ठप हो गई थी. इन्साइट न्यूज स्टोरी की खबर वायरल होने के कुछ घंटे बाद डेयरी प्रशासन हरकत में आकर हड़ताल को वापस कराने का प्रयास शुरु किया. आखिरकार प्रशासन को रात 8.30 बजे कामयाबी मिली. प्रशासन ने ठेकेदार को आश्वासन दिया है कि जल्द ही बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. हड़ताल वापस होने की खबर से तबेला मालिकों ने राहत क सांस ली है.

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