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मुख्यमंत्री का आदेश नहीं मान रहे बीएमसी कमिश्नर
अवैध निर्माण पर नहीं हो रही कार्रवाई

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई . पिछले वर्ष अक्टूबर में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief minister uddhav thakarey) ने मुंबई में हो रहे अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के लिए बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह (Ikbal singh chahal not following order) को खुली छूट दी थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि कितना भी बड़ा ताकतवर व्यक्ति क्यों न हो कार्रवाई करने में जरा भी हिचक नहीं होनी चाहिए. मैं आपके साथ हूं. मुख्यमंत्री के सख्त आदेश के बाद भी बीएमसी कमिश्नर अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने में फेल साबित हुए हैं. बीएमसी की कार्रवाई विकास कार्यों में बाधा बन रहे निर्माणों तक ही सीमित रह गई है.
सरकारी जमीन पर हो रहा अतिक्रमण
मुंबई में सरकारी जमीन कब्जा कर झोपड़े बनाने की वर्षों की परंपरा अब भी कायम है. बीएमसी वार्डों की यह अवैध रुप से कमाई का सबसे बड़ा जरिया है. शायद इसलिए बीएमसी कमिश्नर मुख्यमंत्री के आदेश का भी पालन करने से बच रहे हैं. कच्चे झोपड़े से धीरे धीरे पक्का निर्माण कर लिया जाता है और नगरसेवकों के शह पर वहां पानी-गटर आदि की व्यवस्था कर दी जाती है.
बीएमसी ने छोड़ रखे हैं पंटर
मुंबई में कहीं भी अवैध निर्माण हो रहा है तो उसे हटाने की जिम्मेदारी बीएमसी की है. लेकिन बीएमसी के सहायक आयुक्तों अभियंताओं में एक बात कॉमन है कि वे बीएमसी की जमीन पर बने अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हैं लेकिन राज्य सरकार या केंद्र की जमीन पर हुए अतिक्रमण पर संजीदगी से कार्रवाई नहीं करते हैं. मुंबई में बैठे फेरीवालों से जिस तरह हप्ता वसूली के लिए पंटरों को तैनात किया गया है उसी तरह मुंबई में हो रहे अवैध निर्माण के लिए भी बीएमसी अधिकारियों के मुखबिर तैनात किए गए हैं. जो मुंबई की गली कूचों में निर्माण की छोटी बड़ी जानकारी अधिकारियों तक पहुंचा देते हैं.
जिन्हें तोड़ा गया वे फिर बना लिए गए
मुंबई में पिछले 6 वर्षों में अवैध निर्माण की 68,809 शिकायतें मिली थी जिसमें से दिखावे के लिए केवल 29,273 अवैध निर्माण पर कार्रवाई हुई. हालांकि जिन्हें तोड़ा गया था उनमें से ज्यादातर दुबारा बना लिए गए. ऐसा माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद बीएमसी अवैध निर्माण पर कार्रवाई तेज करेगी लेकिन कार्रवाई करने की बात तो दूर अब झोपड़ों की उंचाई पांच मंजिला से अधिक बढ़ाई जाने लगी है.
बीएमसी 1 मई से सबको पानी देने की नीति शुरु करने जा रही है., बीएमसी की इस नीति में ने अवैध निर्माण को भी पानी मिलने जा रहा है. राज्य सरकार ने वर्ष 2000 के झोपड़ो को मान्यता दिया है. कानूनी रुप से उसके बाद बनी सभी झोपड़े अवैध हैं. लेकिन सबको पानी और दूसरी सुविधाएं मिलेंगी तो कोई वहां से क्यों हटेगा.
कमिश्नर हमारी नहीं सुनते मुख्यमंत्री की तो सुनें: मिश्रा
बीजेपी मुंबई भर में बीएमसी में सत्तारूढ़ पार्टी और बीएमसी अधिकारियों की पोल खोल में लगी है. बीजेपी नेता विनोद मिश्रा का कहना है कि आयुक्त जब मुख्यमंत्री की नहीं सुनते तो किसकी सुनेंगे? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सख्त आदेश के बाद बीएमसी सख्त कार्रवाई के बदले सख्त वसूली करने में जुट गई है. मलाड में जिलाधिकारी की जमीन पर अवैध निर्माण हो रहा है. खुली जगह पर कब्जा किया जा रहा है लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिन झोपड़ों को संरक्षित किया गया है उनको छोड़कर बाकी अवैध निर्माण पर कार्रवाई करनी चाहिए. इकबाल सिंह चहल को मुख्यमंत्री ने प्रशासक नियुक्त किया है वे हमारी तो सुनते नहीं हैं कम से कम मुख्यमंत्री की तो सुनें.