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बंगले पर पानी की तरह पैसा बहा रहे बीएमसी कमिश्नर

दुबारा खर्च करने जा रहे 40 लाख, मुख्यमंत्री से जांच कराने की मांग

10 वर्षों में खर्च कर दिए 2.0 करोड़ 

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई.  मुंबई महानगरपालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल एक बार फिर अपने बंगले की मरम्मत पर 40 लाख रुपए खर्च करने जा रहे हैं.(BMC commissioner is shedding money like water on the bungalow)कोरोना संकट के बीच वर्ष 2020 में 40 लाख रुपए खर्च किए गए थे. बीते 10 वर्षों में कमिश्नर ने अपने बंगले की मरम्मत पर  करोड़ रूपए खर्च कर दिए हैं. बंगले की मरम्मत पर  पानी की तरह  पैसा बहाने वाले बीएमसी कमिश्नर के खिलाफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर जांच की मांग की गई है.

आरटीआई कार्यकर्ता और संघर्ष एनजीओ के अध्यक्ष पृथ्वीराज म्हस्के ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि  बीएमसी कमिश्नर के बंगले का वर्ष 2020 में 40 लाख रुपए खर्च कर रेनोवेशन किया गया था. इससे पहले 2016 में ही बीएमसी कमिश्नर का पदभार ग्रहण करने के बाद अजोय मेहता ने बंगले के रेनोवेशन पर 50 लाख रुपए खर्च किए थे. पांच साल में अपने शानोशौकत के लिए बंगले की मरम्मत पर 1.3 करोड़ रुपए खर्च  कर दिए गए हैं. कोरोना काल में जंबो कोविड सेंटरों में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का आदेश उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया है. फडणवीस ने कहा था कि जितने भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं उसका ऑडिट किया जाएगा. जांच की फांस के बीच बीएमसी कमिश्नर दुबारा बंगले की मरम्मत पर 40 लाख रुपए खर्च करने जा रहे हैं.
 आरटीआई कार्यकर्ता और संघर्ष एनजीओ के अध्यक्ष पृथ्वीराज म्हस्के ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि बीएमसी कमिश्नर बंगले की मरम्मत पर प्रतिमाह लगभग 1,66,0000 रुपए खर्च कर रहे हैं.  म्हस्के ने लिखा कि पिछले 10 वर्षों से मुंबई महानगरपालिका 17 अगस्त 2020 को बंगले के रेनोवेशन पर 40 लाख रुपए खर्च किए गए थे. आयुक्त के बंगले की पेंटिंग पर अब तक जितना खर्च किया गया है उसकी जांच की जानी चाहिए. बंगले के मरम्मत व पेंटिंग के लिए निकाली जाने वाली निविदा में हर बार उसी कार्य को दोहराया जा रहा है. म्हस्के ने कहा कि सच में हर बार वही कार्य किए जाते हैं? या मरम्मत के नाम फर्जी निविदा निकाल कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. म्हस्के ने कहा कि बंगले के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं. यह बहुत गंभीर मामला है. एक समिति गठित कर इस मामले की जांच की जानी चाहिए.
      ऐसे हुआ बंगले पर खर्च 
  बीएमसी कमिश्नर के बंगले की मरम्मत के लिए 2012 से अब तक 10 वर्षों में लगभग 2 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. वर्ष 2012 में जब सीताराम कुंटे बीएमसी कमिश्नर थे, उस समय 29.29 लाख रुपए खर्च किए गए, वर्ष 2016 में अजोय मेहता के कार्यकाल में 50 लाख रुपए खर्च किया गया था. बीच में बंगले का दूसरा कार्य भी किया गया. करोना संकट के बीच लाए गए बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने वर्ष 2020 में 40 लाख रुपए खर्च किए थे. अब दुबारा 40 लाख रुपए खर्च करने के लिए निविदा जारी की गई है. जिस संदेह व्यक्त किया जा रहा है.

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