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बीएमसी की अपनी इमारतों में अवैध निर्माण

दिंडोशी कोर्ट में दायर हुई याचिका

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुंबई में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने वाली मुंबई महानगरपालिका (K west ward Bmc Building illigal work)ने अपनी प्रशासनिक इमारतों में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए जाने का खुलासा हुआ है. बीएमसी की इमारतों में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ दिंडोशी कोर्ट ( Dindoshi court ) में याचिका दायर की गई है जिस पर आज सुनवाई हुई.

बीएमसी का के वेस्ट विभाग पिछले दिनों खूब चर्चा में रहा. फिल्म अभिनेताओं, अभिनेत्रियों के अलावा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के जुहू स्थित अधीश बंगले पर कार्रवाई के लिए यही विभाग जिम्मेदार रहा है. लेकिन अब खुलासा हुआ है कि  बीएमसी के के पश्चिम विभाग की प्रशासनिक इमारत में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किया गया है. इस प्रशासनिक इमारत में दो मंजिला अवैध निर्माण के अलावा चेंज ऑफ यूजर में भी बदलाव किया गया है.

बीएमसी के खिलाफ यह याचिका संघर्ष एनजीओ के अध्यक्ष व आरटीआई कार्यकर्ता पृथ्वीराज मस्के ने दायर की है. मस्के ने बताया कि उन्होंने के वेस्ट विभाग की प्रशासनिक इमारत में किए गए अवैध निर्माण के खिलाफ लंबे समय से शिकायत कर रहे हैं लेकिन बीएमसी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. बीएमसी मुंबई में चिन्हित अवैध निर्माण पर एक्शन लेती है लेकिन खुद अवैध निर्माण कर रही है.

अप्रूव्ड प्लान में किया बदलाव

पृथ्वीराज मस्के के अनुसार बीएमसी के पश्चिम विभाग की प्रशासनिक इमारत के लिए मंजूर प्लान के अलावा तीन फ्लोर अवैध रूप से बनाए गए हैं. मस्के ने कहा कि बीएमसी की इमारत में ग्राउंड फ्लोर से लेकर उपर तक बदलाव किया गया है. उन्होंने कहा कि पांचवे महले पर  मंजूर प्लान में सहायक आयुक्त के निवास के लिए 1088 वर्ग फुट  का फ्लैट था, लेकिन वहां कोई रेसीडेंसियल फ्लैट नहीं है.पांचवां महला कमर्शियल ऑफिस में बदल दिया गया है. उन्होंने कहा कि छठां महला जो कि टेरेस था अवैध निर्माण कर उसे भी कमर्शियल उपयोग में लाया जा रहा है.

यह याचिका मुंबई सिटी सिविल कोर्ट दिंडोशी न्यायाधीश एन एल काले की अदालत में दायर की गई है. जिसका l.C.SUIT NO 1048 है. याचिका में मांग की गई है कि जब तक याचिका का निस्तारण नहीं हो जाता बीएमसी को अवैध निर्माण के उपयोग करने पर रोक लगाई जाए. याचिका की सुनवाई में पहुंचे बीएमसी अधिकारियों ने कहा कि  उन्हें एक दिन पहले ही नोटिस मिली है इसलिए जवाब फाईल करने के लिए समय दिया जाए.  अब मामले की अगली सुनवाई 20 जून को होगी.

 

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