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फर्जी हस्ताक्षर,स्टैंप,केईएम की महिला स्टाफ ने लगाया 61 लाख का चूना

भोइवाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई एफआईआर

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. केईएम अस्पताल की एक महिला कर्मचारी ने मरीजों के पैसों से धोखाधड़ी कर 61 लाख रुपए चूना लगाया है.(KEM’s female staff cheated 61 lakhs by signing fake stamps) यह रकम संबंधित दवा उपलब्ध कराने वाले विक्रेताओं के एकाउंट में भेजने के बदले अपने एकाउंट में ट्रांसफर किया है.

यह कारनामा अस्पताल की महिला कर्मचारी सोनाली गायकवाड़ किया. फर्जी हस्ताक्षर और स्टांप लगाकर 61 लाख रुपए हड़प लिए. इस घटना के प्रकाश में आते ही उसके खिलाफ भोईवाड़ा स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है.

पीएम, सीएम राहत कोष की अनुमानित राशि हड़पी 

केईएम अस्पताल कम लागत पर रोगी की देखभाल और सर्जरी प्रदान करता है. इसके लिए देश भर से मरीज आते हैं. यह अस्पताल सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उपचार और सर्जरी भी प्रदान करता है. मरीजों को उपचार, सर्जरी और दवा की लागत का अनुमान दिया जाता है. यदि रोगी खर्च वहन करने में सक्षम नहीं है, तो उन्हें सलाह दी जाती है कि वे अस्पताल से प्रासंगिक प्रमाण पत्र प्रदान करके प्रधान मंत्री सहायता कोष, मुख्यमंत्री सहायता कोष और विभिन्न अन्य योजनाओं का लाभ उठाएं. इन योजनाओं लाभ का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ प्रक्रियाओं का पूरा करना होता है.

अस्पताल से एस्टीमेट और सर्टिफिकेट लेना होता है. इसके लिए डीन और कई अधिकारियों के अनुमोदन की आवश्यकता होती है. अस्पताल समिति दवा विक्रेताओं के बिलों की जांच के बाद आवेदनों को मंजूरी देती है. स्वीकृति देते समय कई अधिकारियों के हस्ताक्षर होना अनिवार्य होता है. मरीजों के आवेदनों के अनुमोदन के बाद, राहत कोष के लिए केईएम अस्पताल के संस्थापक द्वारा रखे गए बैंक खाते में धनराशि जमा की जाती है. साइन करने के बाद वेंडर्स को बिल की राशि ऑनलाइन भेजने की जिम्मेदारी अस्पताल की महिमा स्टाफ सोनाली गायकवाड़ की थी.

ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का भंडाफोड़

6 जनवरी को सहायक अधीक्षक ने देखा कि रोगी पुस्तिकाओं और बिल स्वीकृतियों पर हस्ताक्षर जाली थे. सहायक अधीक्षक ने मामले की गहन जांच के लिए अन्य पदाधिकारियों से भी इन हस्ताक्षरों के बारे में पूछा. तो पता चला कि ये हस्ताक्षर फर्जी हैं. शुरुआत में गायकवाड़ ने अस्पष्ट जवाब दिए. लेकिन दबाव बढ़ते देख स्वीकार किया कि उन्होंने नकली हस्ताक्षर और नकली स्टाम्प का उपयोग करके बिलों को मंजूरी दी थी. अधिकारियों ने इस मामले में गहन जांच के आदेश दिए हैं. यह बात सामने आई है कि सोनाली गायकवाड़ ने अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के बीच 61 लाख 65 हजार का गबन किया है. इस संबंध में भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.

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