मनपा आरक्षण को चुनौती देना पड़ा महंगा
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाया 25 हजार रुपए जुर्माना

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Bombay High court: मुंबई महानगरपालिका चुनाव के लिए 31 मई को निकाले गए आरक्षण लॉटरी के तहत वार्ड नंबर 60 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है. याचिकाकर्ता ने (High court imposed a fine of 25 thousand rupees on the petitioner) आरक्षण को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की कार्रवाई को सही ठहराते हुए याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया है. हाईकोर्ट ने उक्त जुर्माने की राशि को एक सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा कराने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुंबई मनपा चुनाव की तैयारियां चल रही है. 31 मई को बीएमसी ने राज्य चुनाव आयोग के आदेश से चुनाव प्रक्रिया के तहत 236 वार्डों से ओबीसी आरक्षण को अलग रखते हुए 50 प्रतिशत महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए लॉटरी निकाली थी. उस समय अंधेरी (पश्चिम) में वार्ड नंबर 60 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था. याचिकाकर्ता प्रदीप वाडेकर ने इसका यह कहते हुए विरोध किया कि यह वार्ड पिछले पांच बार से आरक्षित किया जा रहा है इसलिए इस बार सामान्य किया जाए.
याचिकाकर्ता ने कहा कि 1997, 2002, 2007 में हुए तीनों मनपा चुनावों में वार्ड संख्या 60 ओबीसी के लिए आरक्षित थी. इसी प्रकार वर्ष 2012, 2017 में भी उक्त वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था. इसलिए, प्राथमिकता प्रणाली के अनुसार, वास्तव में यह वार्ड 2022 के चुनाव में एक ‘ओपन वार्ड’ बनाया जाना चाहिए था. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता और राज्य चुनाव आयोग की दलीलें सुनी.
निर्वाचन आयोग ने अपनी दलील में कहा कि पिछले सप्ताह हुई अंतिम सुनवाई में हर पांच साल में अनुसूचित जाति के लिए 15 वार्डों का आरक्षण अवरोही क्रम में अगले वार्ड में चला जाता है. इस बार वह यह वार्ड संख्या 60 में आ गया है. कोर्ट ने चुनाव आयोग का पक्ष स्वीकार किया. साथ ही यह भी कहा कि इस समय, देश के कुछ राज्यों में, ऐसे मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के संदर्भ को भी अदालत के समक्ष रखा.
हाईकोर्ट ने बीएमसी चुनाव विभाग के पक्ष को बरकरार रखते हुए कहा कि वार्ड 60 में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षण सही ठहराया.साथ ही याचिकाकर्ता की मांग और दावे को खारिज करते हुए अदालत ने उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.




