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राणा दंपत्ति पर देशद्रोह लगाना गलत
कोर्ट का निरीक्षण, राज्य सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई सत्र न्यायालय (Session court) ने अपने निरीक्षण में पाया कि राणा दंपत्ति (Rana couple) के खिलाफ देशद्रोह (Rashtradroh) का मामला दर्ज करना गलत है. राणा को न्यायाधीश राहुल रोकाडे द्वारा दी गई जमानत की एक प्रति हाल ही में उपलब्ध कराई गई है.
इसमें दी गई जानकारी के मुताबिक राणा दंपति पुलिस के नोटिस के बाद घर से बाहर नहीं निकला. राणा दंपत्ति की गिरफ्तारी से पहले ही उन्होंने मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए अपना आंदोलन वापस ले लिया था इसलिए, उन पर देशद्रोह का आरोप लगाना गलत है, मुंबई सत्र न्यायालय ने अपना मत स्पष्ट किया है. न्यायालय की इस टिप्पणी के बाद राणा दंपति पर देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं.
विदित हो कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की सार्वजनिक घोषणा पर विवाद के बाद राणा दंपति को 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए, दंपति ने ठाकरे के निजी आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपनी योजना को रद्द कर दिया था. हालांकि राणा दंपति को 13 दिन बाद मुंबई सत्र न्यायालय ने जमानत दे दी थी.
सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को मुंबई सत्र न्यायालय ने जमानत देते हुए पांच शर्तें लगाई हैं. रवि राणा और नवनीत राणा को मीडिया से बात करने से रोक लगा दी गई है. कोर्ट ने कहा है कि जांच में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए. घटना में शामिल गवाहों पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला जाना चाहिए, प्रलोभनों से प्रभावित नहीं होना चाहिए. अदालत ने राणा दंपति पर इस तरह के अपराध में शामिल होने पर भी रोक लगा दी है.
सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा जेल से रिहा हो गए हैं. जेल से रिहा होने के बाद, नवनीत राणा को स्पोंडिलोसिस से पीड़ित होने के कारण लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल अस्पताल प्रशासन अभी रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा है.
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने राणा दंपति पर राज्य सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई को गलत बताया है. राणा दंपति से अस्पताल मिलने गए सौमैया ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार माफिया की सरकार है.