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पूर्वांचल को 9 मेडिकल कॉलेज की सौगात

जाने बीजेपी के लिए क्यों है अहम पूर्वांचल

  1. आईएनएस न्यूज नेटवर्क
    दिल्ली.BJP न मिशन यूपी के तहत अपना पूरा फोकस इस समय पूर्वांचल पर लगा रखा है. बीजेपी के लिए पूर्वांचल कितना महत्‍वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिर्फ पांच दिनों के अंदर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी सोमवार को दूसरी बार यहां दौरे पर आए हैं. 20 अक्‍टूबर को ही प्रधानमंत्री ने कुशीनगर में अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट का लोकार्पण और मेडिकल कालेज का शिलान्‍यास किया था. आज उन्‍होंने सिद्धार्थनगर से नौ मेडिकल कालेजों का उद्घाटन करने के साथ ही देश की सबसे बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य योजना के शुभारंभ के लिए वाराणसी को चुना. इसके साथ ही वाराणसी को 5229 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात भी देंगे. प्रधानमंत्री के इन ताबड़तोड़ दौरों से साफ दिख रहा है कि उन्‍होंने यूपी चुनाव की कमान संभाल ली है और पूरा फोकस पूर्वांचल पर रखा है.

चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं वैसे-वैसे यूपी की राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ रही हैं. हर राजनीतिक दल ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सौगातों की झड़ी लगा दी है. सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सिद्धार्थनगर से जिन नौ मेडिकल कालेजों का शुभारंभ किया उनमें सिद्धार्थनगर के माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा महाविद्यालय के अलावा देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, गाजीपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर और मिर्जापुर मेडिकल कालेज का वर्चुअल लोकार्पण शामिल हैं. इन मेडिकल कालेजों के निर्माण पर 2239 करोड़ रुपये की लागत आई है.
पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ (पीएमएएसबीवाई) के शुभारंभ के लिए काशी को चुनकर भी प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वांचल को संदेश दिया है. यह देश की स्वास्थ्य संरचना को मज़बूत करने के उद्देश्य से यह अब तक की बड़ी योजनाओं में से एक होगी. इसके तहत पांच लाख से अधिक आबादी वाले सभी जिलों में गहन चिकित्सा (क्रिटिकल केयर) सेवाएं उपलब्ध होंगी. एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं भी स्थापित होंगी. साथ आईटी सक्षम रोग निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी. यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगी.

पीएम से काशी को 5229 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात भी मिली है. इनमें रिंग रोड, पार्किंग, पर्यटन का विकास व जनसुविधाओं से जुड़े 28 विकास कार्य शामिल हैं. बताया जा रहा है कि इन परियोजनाओं से जहां जाम की समस्‍या से निजाज मिलेगी वहीं वाराणसी सहित आसपास के जिलों में विकास की रफ्तार भी तेज होगी। वाराणसी के पर्यटन को भी फायदा होगा.
पूर्वांचल पर बीजेपी का फोकस
‘पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ (पीएमएएसबीवाई) के शुभारंभ के लिए काशी को चुनकर भी प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वांचल को संदेश दिया है. यह देश की स्वास्थ्य संरचना को मज़बूत करने के उद्देश्य से यह अब तक की बड़ी योजनाओं में से एक होगी. इसके तहत पांच लाख से अधिक आबादी वाले सभी जिलों में गहन चिकित्सा (क्रिटिकल केयर) सेवाएं उपलब्ध होंगी. एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं भी स्थापित होंगी. साथ आईटी सक्षम रोग निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगी.
पूर्वांचल से खुलेगी यूपी की सत्‍ता की राह
सपा, बसपा सरकार में पिछड़पन का दंश झेल रहा पूर्वांचल बीजेपी की सत्ता आने के बाद अहम हो गया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा मजबूत है इसलिए अब पूर्वांचल ही बीजेपी के दुबारा यूपी की सत्ता में लौटने की राह खोल सकता है.यूपी की सत्ता बीजेपी के पास बरकरार रहती है तो 2024 में दिल्ली की कुर्सी मोदी के पास ही रहेगी.क्योंकि जीत की कुंजी उत्तर प्रदेश के पास है. इसी सोच के तहत भाजपा ने पूर्वांचल में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. यूपी की 33 फीसदी सीटें पूर्वांचल से आती हैं. इसके 28 जिलों में 164 विधानसभा सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां से 115 सीटें मिली थीं. जबकि सपा को 17, बसपा को 14, कांग्रेस को दो और अन्‍य को 16 सीटें मिली थीं. 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से सर्वाधित सीटें जीती थीं। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का गृह जिला गोरखपुर और पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी पूर्वांचल में है. भाजपा की कोशिश इस बार 2017 के इतिहास को दोहराने के साथ ही 2024 के लिए माहौल बनाने की भी है. इधर, लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में किसानों का आंदोलन गर्म है. जानकारों का कहना है कि इस वजह से भी भाजपा ने पूर्वांचल पर अपना फोकस बढ़ा दिया है.

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