योगी सरकार ने पेश किया 6 लाख 15 हजार 518 करोड का बजट
महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM YOGI -02) सरकार ने आज अपना पहला बजट (Uttar pradesh Budget 2022-23) पेश किया. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा सभा में वर्ष 2022-23 के लिए 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपए का बजट पेश किया. इस बजट में महिलाओं का विशेष ध्यान रखा गया है. वित्त मंत्री ने राज्य में पानी की समस्या से निपटने व सरकारी नलकूपों से सिंचाई के लिए 800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.
हर परिवार को रोजगार
योगी सरकार ने हर परिवार को रोजगार देने का निर्णय लिया है. इसके लिए सरकार ने सर्वेक्षण भी शुरु कर दिया है. हर परिवार को रोजगार देने की योजना मास्टर स्ट्रोक बताई जा रही है.
जानिए,बजट में किसे क्या मिला
वित्त मंत्री ने कोविड़ महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के परवरिश के लिए प्रतिमाह 4000 रुपए देने का एलान किया है.
स्कूल बच्चों के लिए स्मार्ट फोन और टेबलेट वितरण के लिए 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. प्रदेश में गरीब कन्याओं के विवाह के लिए 600 करोड़ दिए जाएंगे. सामूहिक विवाह योजना जिसमें गरीब कन्याओं की शादी के लिए 51,000 रुपए उपलब्ध कराते हैं, उसका बजट 250 करोड़ से बढ़ाकर 600 करोड़ रुपए किया है. निराश्रित महिला पेंशन की राशि 300 से बढ़ाकर 1,000 रुपए की है. इसके लिए इसका बजट 1,812 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड रुपए किया है.
उज्ज्वला योजना
मुख्यमंत्री योगी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रमुख घोषणाओं में मुख्य रूप से उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लाभार्थी परिवार को वर्ष में 02 रसोई गैस सिलिंडर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. अन्नदाता किसानों के लिए ‘भामाशाह भाव स्थिरता कोष’ की स्थापना के लिए धनराशि फंड की स्थापना की गई है.
पीएम- कुसुम योजना
योगी ने कहा कि हमारे संकल्प पत्र में किसान की सिंचाई की लागत को शून्य पर पहुंचाना था. हम इसके लिए PM-KUSUM योजना के तहत निशुल्क सोलर पैनल उपलब्ध कराने की कार्रवाई कर रहे हैं. हम लोगों ने 15,000 से अधिक सोलर पैनल की कार्रवाई को इस वित्तीय वर्ष में बजट का हिस्सा बनाया है. हम लोगों ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पूर्व एक लोक कल्याण पत्र जारी किया था. इस संकल्प पत्र में कुल 130 घोषणाएं थीं, जिसमें 97 संकल्पों को हम लोगों ने अपने इस पहले ही बजट में स्थान दिया है. इसके लिए 54,883 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं और प्रदेश की समग्र विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया है. विधानसभा के पूर्व लोक कल्याण संकल्प पत्र की 130 घोषणाओं में से 97 घोषणाओं को इसमें स्थान दिया है जिसके लिए 54,883 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है
मुख्यमंत्री योगी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रमुख घोषणाओं में मुख्य रूप से उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लाभार्थी परिवार को व अन्नदाता किसानों के लिए ‘भामाशाह भाव स्थिरता कोष’ की स्थापना की गई है. उज्ज्वला योजना के हर लाभार्थियों को 2 रसोईं गैस सिलेंडर मिलेगा.
– आशा कर्मचारियों के लिए 300 करोड़
– राज्य कर्मचारी कैसलेश चिकित्सा 100 करोड़
– प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ भारत योजना 620 करोड़
– प्रधानमंत्री ने देश को “आत्मनिर्भर भारत” का मंत्र दिया है. जिसका उद्देश्य देश को हर क्षेत्र में चाहे वह मैन्यूफैक्चरिंग हो, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स हो उद्योग-धन्धे हों शिक्षा स्वास्थ्य और कृषि हो आत्मनिर्भर बनाना है.
-चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार सृजन की अपार सम्भावनाएं हैं. लगभग 3000 नर्सों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में नियुक्ति दी गयी. लगभग 10,000 सृजित किये गये हैं जो आगामी वर्षों में भरे जाएंगे.
– मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में 800 इकाईयों की स्थापना कराकर 16 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है.
– सरकार द्वारा अधिकाधिक सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों की स्थापना के लिए प्रोत्साहनात्मक वातावरण का सृजन किया गया है. जिसके फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 3 लाख 97 हजार 028 उद्यम पंजीकृत हुए. जिसमें 27 लाख 84 हजार 117 रोजगार का सृजन हुआ.
– यूपी में जून 2016 में प्रदेश में बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत थी, जो अप्रैल 2022 में यह घट कर 2.9 प्रतिशत रह गयी है.
– यूपी में प्रदेश के सभी जनपदों के उत्पादों और पारम्परिक शिल्पों के समग्र विकास हेतु संचालित OPOD के तहत निर्यात को 88,000 करोड़ से बढ़कर बढ़ाकर 1.56 लाख करोड़ किया गया है.
– यूपी में खरीफ वर्ष 2021-2022 में 4656 स्थापित क्रय केन्द्रों के माध्यम से 11 लाख से अधिक किसानों से 65 लाख 53 हजार मीट्रिक टन धान खरीद की गयी. जिसके सापेक्ष किसानों के खातों में ई-पेमेन्ट के माध्यम से 12 हजार 485 करोड़ रूपये का सीधे भुगतान किया जा चुका है.
– वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करते हुए कहा कि बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं के आवाहन में यू.पी.एस.ई.ई. 2018 की 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप और 100 टॉपर एससी/एसटी छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किया गया.
– वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करते हुए कहा कि 18 मंडलों में अटल आवासीय स्कूल के लिए 300 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे.
सरकार का बजट निराश जनक
यूपी सरकार के बजट को लेकर अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट नहीं है सरकार ने बंटवारा किया है. नौकरी और रोजगार सिर्फ आंकड़ों में हैं. जमीन पर कोई काम नहीं दिख रहा है. समाज के गरीब वर्ग के लिए कोई काम नहीं है. दिल्ली सरकार के दिये गए बजट को जोड़ कर बजट के आंकड़े तैयार किए गए हैं. दिल्ली की योजनाओं को जोड़ कर बजट बताया जा रहा है. किसानों, नौजवानों, महिलाओं और गरीबों के लिए बजट धोखा है. बजट प्रदेश को 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं और विकास को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि युवा निराश हैं. रोजगार केवल आंकड़ों में दिखता है. गावों में युवा निराश हैं. सरकार ने जिनसे वादा किया था कि गेहूं, चावल, तेल और चन्ना वादा. सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताब और ड्रेस का पैसा नहीं मिला है. सही समय से मिड डे मिल खाने की चीजें नहीं मिल पा रही है. देश में लागातर महंगाई बढ़ती जा रही है. किसान के गन्ने के भूगतान का तो सरकार बताती है लेकिन कितना बकाया है ये नहीं बताती है. निजी मिलों में कितना भूगतान हुआ है ये नहीं बताया गया. ये बजट दिल्ली के बजट में जोड़कर बजट तैयार किया गया. पिछले पांच साल में धोखा हुआ है. सवाल ये है कि किसानों की आय दोगुनी कब होगी और रोजगार कब मिलेगा. जिला स्तर पर बने अस्पताल बर्बाद हो रहे हैं. ये छठा बजट है लेकिन इस बजट में सब कुछ घटा है. सरकार केवल बेरोजगारी का आंकड़ा बताती है लेकिन रोजगार का आंकड़ा कभी नहीं बताती है.




