मुंबई

बीएमसी में भंगार घोटाले का सच

हमाम में सब नंगे

अब जाकर खुली आंख

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई महानगर पालिका में पिछले 50 सालों से भंगार घोटाला किया जा रहा है. बीएमसी प्रशासन में बैठे अधिकारी ठेकेदारों के साथ सिंडिकेट बना कर इस घोटाले को अंजाम दे रहे थे. लेकिन किसी भी पार्टी ने इतने वर्षों में करोडों रुपये के भंगार घोटाले पर अपना मुंह खोलने की जहमत नहीं उठाई. अब जब चुनाव नजदीक हैं वर्षों से चल रहे घोटाले को उजागर करने का ख्याल पार्टी नेताओं के जेहन में आया है. इससे पता चलता है कि मुंबई महानगर पालिका में भ्रष्टाचार किस स्तर पर व्याप्त है. फायर ब्रिगेड के वाहनों को बेचे जाने का प्रस्ताव नहीं आता तो कोई भी अपना मुंह नहीं खोलता. बीएमसी का भंगार घोटाला हमाम में सब नंगे के जैसा हो गया है. ऐसा नहीं है कि इस घोटाले की खबर बीएमसी के नगरसेवकों को अब हुई है. सबको पता है लेकिन अब तक किस वजह से इस मामले पर खामोशी बरती गई ?

बीएमसी अधिकारियों ने नियमों को अपनी जेब में रख कर  2018 में ही  दमकल विभाग की 105 वाहनों को भंगार में बेच दिया था. दो साल बाद खानापूर्ति के लिए स्थायी समिति के पास यह प्रस्ताव लाया गया था जिससे पता चल सके कि हमने वाहनों को भंगार में बेच दिया है. मनपा में बीजेपी प्रवक्ता मनोनीत नगरसेवक भालचंद्र शिरसाट ने इस मामले पर आपत्ति जताई. उसके बाद सभी नगरसेवकों ने बीएमसी पर अपनी भड़ास निकालने लगे.

सत्ताधारी पार्टी शिवसेना की नगरसेविका विशाखा राउत ने सीधे प्रस्ताव को ही रद्द करने की मांग कर दी. उन्होंने कहा कि इस घोटाले की पूरी जांच होनी चाहिए. राउत ने कहा कि 105 वाहनों को केवल  2 करोड़ 14 लाख में बेच दिया गया. दमकल विभाग की जीप को सिर्फ  25 हजार रुपए में बेचा गया. मनपा प्रशासन ने दमकल विभाग की गाड़ियों को बेचने के लिए निविदा तक नहीं निकाली? वर्षों से भंगार में घोटाला किया जा रहा है. एक कंपनी, एक ही एड्रेस पर 17 सब कंपनी बना कर भंगार का ठेका ले रही है और अधिकारी ऐसा करने दे रहे हैं.

शिरसाट ने आरोप लगाया कि भंगार घोटाले में पिछले 50 सालों से भ्रष्टाचार चल रहा है.  अब नये इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल किया जा रहा है तो फ्यूल वाले वाहनों को भंगार में बेचने का काम तेज हो जाएगा. उन्होंने पूछा कि बीएमसी में भंगार माफियाओं का बोलबाला है क्या.

स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल, अतिरिक्त आयुक्त पी वेलारासु को पत्र लिखकर भंगार घोटाले की पहले ही जांच करने की मांग की थी. जाधव ने बाकायदा अख्तर नामक ठेकेदार के नाम का खुलासा करते हुए कहा कि एक ठेकेदार को भंगार खरीदने, इमारत तोड़ने, यहां तक कि पे एंड पार्किंग का भी ठेका दिया जा रहा है. बीएमसी की निविदा में कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को ही ठेका दिया जा रहा है. उन्होंने ठेकेदारों  पर  मामला दर्ज कर ब्लैकलिस्ट का निर्देश दिया है.

 

 

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