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शिवसेना के 15 विधायकों की सदस्यता खतरे में

विस अध्यक्ष ने कहा जा सकती है सदस्यता

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Maharashtra Politics: मुंबई. महाराष्ट्र विधान सभा नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि व्हिप का उल्लंघन करने वाले शिवसेना के 15 विधायकों की सदस्यता (Membership of 15 Shiv Sena MLAs in danger) जा सकती है. मीडिया से बातचीत में अध्यक्ष ने कहा कि मुझे अब तक अयोग्यता  के संबंध में बीस याचिकाएं प्राप्त हुई हैं. इन याचिकाओं का जल्द ही निपटारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शिवसेना पार्टी के 15 विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है.
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि निश्चित रूप से सरकार ढाई साल तक चलेगी. राज्य में एकनाथ शिंदे और फडणवीस की सरकार बनी है. विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि यह सरकार निश्चित रूप से अपना कार्यकाल पूरा करेगी, इसमें कोई बाधा नहीं आएगी.
पहले कहा जाता था कि शिवसेना के खिलाफ बगावत करने वाला शिंदे गुट तब तक नहीं टिकेगा, जब तक वह किसी दूसरी पार्टी में विलय नहीं कर लेता. इस बारे में पूछे जाने पर नार्वेकर ने कहा कि शिंदे धड़े के पास दो तिहाई बहुमत है. नियम कहता है कि वे अभी भी शिवसेना पार्टी में हैं. इसलिए, मुझे नहीं लगता कि उन्हें किसी अन्य पार्टी के साथ विलय करने की आवश्यकता है. शिंदे समूह को मंजूरी दी गई है क्योंकि उनके साथ संख्या बल है. नार्वेकर ने कहा कि चूंकि उन्हें शिवसेना विधायक दल के रूप में मान्यता प्राप्त है, इसलिए उन्हें किसी अन्य पार्टी के साथ विलय करने की आवश्यकता नहीं है.
  विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अब तक हमें शिवसेना शिंदे समूह और शिवसेना ठाकरे समूह से विधायकों की अयोग्यता के संबंध में 20 विरोधाभासी याचिकाएं प्राप्त हुई हैं. हमें इन याचिकाओं पर जल्द ही फैसला करना होगा. विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए सभी तकनीकी मुद्दों की जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा.
  बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. 11 जुलाई को इस सुनवाई होगी. अब विधानसभा अध्यक्ष चुन लिया गया है, विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय अध्यक्ष द्वारा लिया जा सकता है. इसलिए, अदालत यह भी निर्देश दे सकती है कि निर्णय अध्यक्ष द्वारा किया जाए. इसलिए, शिवसेना के 15 विधायकों की अयोग्यता के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है. अध्यक्ष के बयान से लगता है कि शिंदे गुट द्वारा जारी व्हिप का उल्लंघन करने वाले ठाकरे गुट के 15 विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट क्या आदेश देता है उस पर भी सबकी नजरें रहेंगी.

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