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मनपा के अंबेडकर अस्पताल में चार साल के बच्चे की कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी

उपनगरीय अस्पताल में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन

सर्जरी का सीधा प्रसारण, करीब 30 डॉक्टरों को मिला कौशल का ज्ञान
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Cochlear implant surgery :मुंबई एक दूसरे की मदद करना एक वांछनीय कार्य हो सकता है, जिसका एक अच्छा उदाहरण डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर नगर कांदिवली अस्पताल ने इसे सबके सामने रखा है. आर्थिक रूप से जरूरतमंद फल विक्रेता के 4 साल के और जन्मजात रूप से बहरे बच्चे पर कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी (Cochlear implant surgery of four year old child in Ambedkar Hospital of Municipal Corporation) सफलतापूर्वक की गई है.  यह पहली बार है जब मनपा उपनगरीय अस्पताल में इस तरह की सर्जरी की गई है. खास बात यह है कि इस महंगी सर्जरी के लिए आवश्यक उपकरण और अन्य चिकित्सा खर्च सीएसआर के तहत किया गया. इतना ही नहीं 30 डॉक्टरों ने इस सर्जरी का सीधा प्रसारण भी देखा.
मूक बधिर रोगियों के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी एक वरदान है. कॉक्लियर एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है. इसे लगाने से छोटे बच्चों में बहरेपन को दूर करने में काफी मदद मिलती है. इस प्रकार की सर्जरी में लगभग 8 से 10 लाख रुपए खर्च हो सकते हैं और इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सा सर्जन और विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है.
 कांदिवली (पश्चिम) में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल में कार्यरत डीएनबी शिक्षक डॉ. राजेश यादव और उनके  सहयोगियों ने इस अस्पताल में इस सर्जरी को शुरू करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं. एक साल पहले, परिवार को पता चला कि आर्थिक रूप से गरीब किसान परिवार के एक फल विक्रेता का चार साल का बेटा मूक-बधिर पैदा हुआ था. उसके माता-पिता ने उसका इलाज करने की पूरी कोशिश की. आर्थिक तंगी के कारण वह किसी बड़े अस्पताल में जाने का जोखिम नहीं उठा सकते थे.वे बच्चे को इलाज के लिए अंबेडकर अस्पताल ले आए. जांच के बाद डॉक्टर ने कॉक्लियर इम्प्लांट का सुझाव दिया.
हालांकि, परिवार ने कहा कि वे सर्जरी के उपकरण और अन्य खर्च नहीं उठा सकते. उसकी समग्र स्थिति को देखते हुए और यह नन्हा-मुन्ना सुन सके इसका फैसला करते हुए अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. धोंड, नोबल फाउंडेशन, डॉ. भारत जोबनपुत्र और एड्स कॉम्बैट ने वित्तीय सहायता जुटाई. उसके बाद पहली कर्णावर्त प्रत्यारोपण सर्जरी 8 जुलाई, 2022 को बाबासाहेब अंबेडकर नगर सामान्य अस्पताल में सफलतापूर्वक की गई थी.
Cochlear implant surgery
डॉ. राजेश यादव के प्रयासों से प्रसिद्ध कान-नाक-गला विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. मिलिंद कीर्तन ने यह ऑपरेशन किया. इसके लिए डॉ. नरेंद्र शर्मा, डॉ. संगमलाल पाल, डाॅ. मृण्मयी द्वारा सहायता प्रदान की. अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. धोंड और डॉ. ललित सेठ भी मौजूद थे. सर्जरी का अस्पताल के कान-नाक-गला ऑपरेटिंग रूम से भी सीधा प्रसारण किया गया, जिसका 30 डॉक्टरों ने फायदा उठाया.  बच्चे की हालत स्थिर है और बच्चे के माता-पिता ने सर्जरी के सफल समापन पर संतोष व्यक्त किया है

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