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जब राजनाथ सिंह ने उद्धव ठाकरे को बोला अस्सलाम वालेकुम
ठाकरे ने किया खुलासा, राणे ने उड़ाई खिल्ली

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. शिवसेना विधायकों के बगावत के बाद अब पार्टी शिवसेना (ShivSena) और शिंदे गुटों में बंट गई है. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए रैलियां करना शुरू कर दिया है. इस बीच उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेकर एक खुलासा किया. उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) का एक बार फोन आया था, उस समय उन्होंने मुझे अस्सलाम वालेकुम कह कर बात की थीं. उद्धव ठाकरे ने कहा मैं उनके इस व्यवहार से हैरान था. गुस्से में मैने उनसे जय श्रीराम कहा था. ठाकरे के इस खुलासे के बाद अब बीजेपी नेता आक्रामक हो गए हैं और उद्धव ठाकरे की खिल्ली उड़ाने लगे हैं. इसको लेकर बीजेपी नेता नारायण राणे ने भी आलोचना की है.
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के फोन कॉल के बाद उद्धव ठाकरे को किसने नाराज देखा? वह घर में अकेले थे, इसलिए हो सकता है कि उनकी पत्नी ने उद्धव ठाकरे को गुस्से में आते देखा होगा. राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री हैं. नारायण राणे ने ठाकरे को फटकार लगाते हुए कहा है कि उद्धव ठाकरे कौन हैं, उनका अस्तित्व क्या है, उन्हें अब दूसरों के सामने हाथ जोड़े घूम रहे हैं. नारायण राणे ने कहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. नारायण राणे सटैरडे क्लब द्वारा आयोजित मराठी उद्यमी दिवस समारोह के लिए नवी मुंबई पहुंचे थे. इन शब्दों में उन्होंने ठाकरे का मजाक उड़ाया.
उद्धव ने क्या खुलासा किया.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ दिन पहले भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रोपदी मुर्मू को समर्थन देने के लिए उन्हें फोन किया था. उस समय राजनाथ सिंह मुझसे फोन पर अस्सलाम वालेकुम कहकर बात करने लगे थे. उनकी भाषा सुनकर मैं चौंक गया. उद्धव ठाकरे ने खुद इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने सिंह की इस हरकत से नाराज होकर जय श्रीराम कहा था. साथ ही हम राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे. इससे पहले भी हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे ने अपने यूपीए उम्मीदवार प्रतिभाताई पाटिल का समर्थन किया था इसलिए, अब एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया गया है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुर्मू आदिवासी महिला हैं. पहली बार कोई महिला राष्ट्रपति बनने जा रही हैं इसलिए हमने उन्हें समर्थन देने का निर्णय लिया है. सांसदों के दबाव में नहीं बल्कि सांसदों के आग्रह पर हमने यह फैसला लिया है.