मुंबई पुलिस के तीन अधिकारियों सहित 7 पर एफआईआर
म्हाडा भूखंड में 150 करोड़ का घोटाला करने, अधिकारी युवराज संदीपान सावंत को फर्जी तरीके से जेल में रखने का आरोप

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. तिलकनगर म्हाडा को 150 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने, फ्लैट बेचने (FIR on 7 including three officers of Mumbai Police) और शिकायत करने वाले म्हाडा अधिकारी को फर्जी तरीके से गिरफ्तार कर जेल भेजने वाले मुंबई पुलिस के तीन अधिकारियों सहित सात लोगों के खिलाफ खार पुलिस ने एफआईआर दर्ज की गई है. इन सभी पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अलावा एससी एसटी एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं.
तिलक नगर चेंबूर स्थित महालक्ष्मी गृहनिर्माण संस्था को सरकार ने निर्माण कार्य के लिए जमीन आवंटित की थी. उसमें यह शर्त थी कि जमीन का विकास करते समय वितरित किए गए भूखंड का निर्माण होने पर 10% घर म्हाडा, 10 % राज्य सरकार और 20% घर अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व किया गया था. उस भूखंड पर 52 फ्लैट और 6 कमर्शियल का निर्माण किया गया. तत्कालीन पुलिस निरीक्षक अनिल जैतापकर गृहनिर्माण संस्था के चेयरमैन थे. सभी ने मिलकर कर उपरोक्त फ्लैट और दुकानों को बेच दिया. इससे म्हाडा को 150 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया. संबंधित आरोपियों की शिकायत करने वाले म्हाडा के उपसमाज विकास अधिकारी युवराज संदीपान सावंत को फर्जी केस में फंसाने और अवैध रूप से जेल में रखा.
इन पुलिस अधिकारियों ने साजिश के तहत म्हाडा के एक मामले में खार पुलिस में दर्ज कथित फरार आरोपी युवराज पाटिल सावंत के नाम पर बिना पहचान किए युवराज संदीपान सावंत को महीनों जेल में रखा. लंबी लड़ाई के बाद युवराज संदीपान सावंत को न्याय मिला है.
जांच पड़ताल के बाद खार पुलिस ने तत्कालीन पूर्व पुलिस निरीक्षक अनिल जैतापकर ( रिटायर्ड), तत्कालीन खार के सहायक पुलिस निरीक्षक किशोर पवार, वर्तमान में आर्थिक अपराध शाखा में इंस्पेक्टर, खार के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय मोरे ( रिटायर्ड) उनके सहयोगी संदेश वाईरकर, योगेश अहिर, केतन पवार, राकेश पवार के खिलाफ आइपीसी की धारा 182, 192,196, 211,120बी, एससी एसटी एक्ट की धारा 3 (1) (h), 3(1) (i), 3(1)(q), 3(2) (2), 3(2)(7) के तहत एफआईआर दर्ज किया है.
युवराज संदीपान सावंत ने “इनसाइट न्यूज स्टोरी” को बताया कि इन लोगों ने सरकारी हिस्से के फ्लैट की बिक्री कर 150 करोड़ रुपए का लाभ कमाया. अनिल जैतापकर के पास मुंबई में घर रहते हुए झूठा शपथपत्र देकर महालक्ष्मी गृहनिर्माण संस्था में 3 करोड़ रुपए का फ्लैट लिया. साथ ही अन्य फ्लैट को अपने कब्जे में लेने के अलावा अवैध रुप से व्यायाम शाला शुरु कर करोड़ों रुपए का लाभ प्राप्त किया. इस घोटाले की शिकायत करने वाले म्हाडा अधिकारी को फर्जी केस में फंसा कर कैरियर बरबाद करने का प्रयास किया. इस संदर्भ में एफआईआर में जिन पुलिस अधिकारियों के नाम हैं, उनसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.




