Breaking Newsदिल्लीराजनीति

जगदीप धनखड़ वर्सेज मार्गरेट अल्वा

उपराष्ट्रपति पद लिए अल्वा होंगी विपक्ष की उम्मीदवार

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

Vice President Election 2022: दिल्ली.भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया है. धनखड़ ने जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में पदभार ग्रहण किया था. इस पर विपक्षी दल ने आज दिल्ली में बैठक कर उपाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है.

उप राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा विपक्ष की उम्मीदवार होंगी. कर्नाटक के मंगलुरु में जन्मी 80 वर्षीय अल्वा गोवा, गुजरात, राजस्थान और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. उनके नाम की घोषणा विपक्ष की ओर से शरद पवार ने की. बीजेपी को अच्छी टक्कर देने के लिए विपक्ष ने सोच समझकर मार्गरेट अल्वा के नाम का ऐलान किया है.

इससे पहले शनिवार को एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था. धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले हैं. दिल्ली में हुई बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया. इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने धनखड़ के नाम का ऐलान किया. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम नेता मौजूद थे. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को राजस्थान के झुंझुनू जिले से उपाध्यक्ष पद के लिए नामित कर भाजपा ने एक तीर से दो लक्ष्य हासिल किए हैं. पहला प्रयास ओबीसी समुदाय को एक राजनीतिक संदेश देने का है, जो देश की कुल आबादी का 44 प्रतिशत है. दूसरा यह कि आगामी लोकसभा चुनाव में जाट बिरादरी को अपने पाले में करने की है.

मार्गरेट अल्वा राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की सरकारों में कैबिनेट मंत्री थीं. राजीव राव की सरकार में संसदीय मामलों और युवा मामलों के मंत्री थी, जबकि मार्गरेट सार्वजनिक मामलों और पेंशन मंत्री थीं. अल्वा गुजरात, राजस्थान,गोवा और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. अल्वा उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल रही हैं. उन्होंने 2009 से 2012 तक उत्तराखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया. इसके अलावा वह 2012-2014 तक राजस्थान की राज्यपाल रहीं. इस समय वे गुजरात और गोवा के प्रभारी भी थीं.

2008 के विधानसभा चुनाव में अल्वा ने कांग्रेस आलाकमान पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें महासचिव के पद से हटा दिया था. अल्वा तब महाराष्ट्र, मिजोरम और पंजाब-हरियाणा के प्रभारी थीं.  हालांकि, गांधी परिवार के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों के कारण, उन्हें उत्तराखंड के राज्यपाल के रूप में भेजा गया था. लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़ी रहीं मार्गरेट अल्वा फिलहाल राजनीति में सक्रिय नहीं हैं. वह राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं. अल्वा मूल रूप से कर्नाटक की रहने वाली हैं. मार्गरेट अल्वा के सास और ससुर भी राज्यसभा में थे.

वे शरद पवार की समाजवादी कांग्रेस में भी शामिल हुई थीं. इस चुनाव में अल्वा के रूप में दक्षिण भारतीय महिला उम्मीदवार हैं. वे धार्मिक रूप से ईसाई हैं. इसलिए दक्षिण की अधिकांश पार्टियों के उनके समर्थन की संभावना है. आज शिवसेना सहित 17 विपक्षी दलों ने अल्वा को समर्थन देने की घोषणा की है. आम आदमी पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस किसे समर्थन देंगे दोनों दलों भूमिका अभी अनिश्चित है.

 

 

Related Articles

Back to top button