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मुंबई मनपा चुनाव/भाजपा ने की 236 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी

वार्ड पुनर्गठन वापसी का रिस्क नहीं लेगी बीजेपी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुंबई महानगर पालिका में शिवसेना की तरफ से कराए गए वार्डों के पुनर्गठन को वापस लेना राज्य सरकार के लिए जोखिम (Mumbai Municipal Election / BJP prepares to contest on 236 seats)भरा काम हो सकता है इसलिए सरकार वार्डों के पुनर्गठन को वापस लेने का रिस्क नहीं लेगी. यह जानकारी भाजपा लीगल सेल के एक नेता ने दी. भाजपा नेता के अनुसार चुनाव आयोग का काम आगे बढ़ चुका है.

महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में लिए गए कई फैसले को शिंदे – फडणवीस सरकार स्थगित चुकी है. जिन कार्यों के लिए वर्क आर्डर जारी हुआ और काम शुरू नहीं हुए उन्हें भी स्थगित कर दिया गया है. ऐसे में समझा जा रहा था कि मुंबई महानगरपालिका में मनमानी तरीके से कराए गए परिसीमन को भी राज्य सरकार बदल सकती है.

परिसीमन के बाद बीएमसी आयुक्त की तरफ से मंगाए गए सुझाव और आपत्तियों को भी दरकिनार कर चुनाव आयोग के पास भेज दिए गए थे. इस पर भी भाजपा और कांग्रेस के नेता पक्षपात करने का आरोप लगा रहे थे. राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सौंपे गए इम्पिरिकल डाटा को स्वीकार कर कोर्ट दो सप्ताह के भीतर नगर निकायों के चुनाव की तारीख घोषित करने का आदेश भी दिया है.

राज्य चुनाव आयोग अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण को छोड़कर महिला आरक्षण रद्द कर दिया है. अब ओबीसी आरक्षण के साथ फिर वार्डों कू आरक्षण की लॉटरी निकाली जाएगी. मुंबई मनपा के लिए जारी आदेश में 236 वार्डों में से ओबीसी के लिए 63 सीटों का कोटा तय किया गया था. पहले यह 61 था.

महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में हुए परिसीमन को सुप्रीम कोर्ट मंजूरी दे चुका है. ऐसे में यदि केवल 227 सीटों पर ही चुनाव कराने हैं तो फिर सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ेगा. बीजेपी नेता के अनुसार चुनाव का प्रोसेस इतना आगे बढ़ गया है कि अब पीछे लौटना मुमकिन नहीं लग रहा है. नेता के अनुसार मनपा चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू होने से वार्ड परिसीमन का असर कम होगा. चुनाव जीतने के लिए भाजपा को पहले की अपेक्षा थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ेगी. वैसे भी विभाजित शिवसेना कमजोर हुई है, इसलिए इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है.

 

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