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बीएमसी के पास पहुंचा ही नहीं 50 लाख तिरंगा

समय पर घर-घर वितरित होने पर संदेह

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

Azadi ka Amrit Mahotsav: मुंबई. आजादी के अमृत महोत्सव पर मुंबई महानगर पालिका ने घर घर तिरंगा अभियान के तहत 50 लाख राष्ट्रीय ध्वज (Doubts about being delivered door to door on time)वितरित करने का लक्ष्य रखा है. 1अगस्त से 8 अगस्त के बीच बीएमसी को 50 लाख ध्वज मिल जाने चाहिए थे लेकिन अभी तक बीएमसी के पास मात्र 10 लाख ही ध्वज पहुंचे हैं. ध्वज वितरित करने की रफ्तार इतनी धीमी है कि बीएमसी हर घर समय पर तिरंगा पहुंचा सकेगी इसको लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है.

केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार 13 से 15 अगस्त तक ‘मुंबई में हर घर तिरंगा अभियान’  शुरु किया गया है. इस अभियान में मुंबई में सभी आवासों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए बीएमसी ने घरों, दुकानों, कार्यालय भवनों पर तिरंगे झंडे का वितरण शुरू किया है. बीएमसी प्रशासन के अनुसार अब तक 8 लाख से ज्यादा झंडे बांटे जा चुके हैं. लेकिन यह रफ्तार इतनी धीमी है कि समय पर सभी को झंडा मिलेगा यह कहना मुश्किल लग रहा है.

बीएमसी ने मुंबई में 50 लाख तिरंगा वितरित करने का लक्ष्य रखा है. मुंबई के सभी 24 वार्डों में तिरंगा पहुंचाने का ठेका मेसर्स आलोक इंडस्ट्रीज लिमिटेड को दिया गया है. बीएमसी ने आलोक इंडस्ट्रीज के साथ प्रति फ्लैग 18.25 रुपए के  35 लाख राष्ट्रीय ध्वज  6 करोड़ 38 लाख 75 हजार रुपए में ठेका दिया है. आलोक इंडस्ट्रीज के जिन अधिकारियों पर मनपा को झंडा पहुंचाने की जिम्मेदारी थी वे समय से मनपा को झंडा ही नहीं पहुंचा पा रहे हैं.

बीएमसी सहायक मनपा आयुक्त  के अनुसार 3 अगस्त तक उनके पास झंडा ही पहुंचा नहीं था. जबकि एक अगस्त से 8 अगस्त के बीच पूरे ध्वज पहुंच जाने चाहिए था. आलोक इंडस्ट्रीज के अधिकारी हितेश पर झंडा पहुंचाने की जिम्मेदारी थी अब वे कह रहे हैं कि हम इंडस्ट्रीज में पॉलिस्टर विभाग देखता हूं. झंडा पहुंचाने की जिम्मेदारी किसी दूसरे के पास है.

आलोक इंडस्ट्रीज के एक अन्य कर्मचारी विजय मराठे का कहना है कि कंपनी ने हितेश पर ही झंडा पहुंचाने की जिम्मेदारी है. अब तक बीएमसी को करीब 18 लाख झंडे पहुंचा दिए गए हैं. बीएमसी ने आलोक इंडस्ट्रीज लि. को 1 अगस्त से 8 अगस्त के बीच 35 लाख झंडा पहुंचाने का ठेका दिया था. जब बीएमसी को ही समय पर ध्वज नहीं पहुंचे तो आम लोगों को कैसे वितरित किया जाएगा इस पर संदेह जताया जा रहा है. बीएमसी अधिकारी कमीशनखोरी के लिए जाने जाते हैं. अब तो राष्ट्रीय ध्वज में भी गड़बड़झाला लग रहा है. एक तरफ बीएमसी कह रही है कि उसे 50 लाख ध्वज वितरित करने हैं लेकिन आलोक इंडस्ट्री को 35 लाख ध्वज का ही आर्डर दिया गया है. बचे हुए 15 लाख ध्वज का क्या होगा?

बीएमसी खरीद विभाग के उपायुक्त रमाकांत बिरादर ने बताया कि इस अभियान के तहत 35 लाख आवासों और विभिन्न प्रतिष्ठानों में 50 लाख मुफ्त राष्ट्रीय ध्वज वितरित किए जाएंगे. अब तक 8 लाख से अधिक राष्ट्रीय ध्वज बांटे जा चुके हैं. इस बीच बीएमसी को 10 लाख राष्ट्रीय ध्वज प्राप्त हुए हैं. शेष राष्ट्रीय ध्वज का स्टॉक तीन से चार दिनों में उपलब्ध होगा.

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