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केंद्रीय चुनाव आयोग ने मानी उद्धव गुट की मांग

शिवसेना को मिली महीने भर की मोहलत

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. शिवसेना में विभाजन के बाद से सुप्रीम कोर्ट से लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग तक लड़ाई चल रही है. शिवसेना पर उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट दोनों अपना दावा कर रहे हैं.  (Central Election Commission accepted the demand of Uddhav faction) सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में तय होगा कि शिवसेना किसकी है. इस बीच केंद्रीय चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट की एक मांग को स्वीकार कर लिया है.
दरअसल केंद्रीय  चुनाव आयोग ने शिंदे और ठाकरे समूह को सबूत पेश करने का भी निर्देश दिया था. दोनों को साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 8 अगस्त की समय सीमा दी गई थी. लेकिन शिवसेना ने इस समय सीमा को बढ़ाने की मांग की थी जिसे  चुनाव आयोग ने मान लिया है.
  एकनाथ शिंदे समूह की ओर से जमा कराए गए आवेदन पर सोमवार को सुनवाई होनी थी. लेकिन टल गई है. ठाकरे समूह ने सबूत पेश करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी. इस संबंध में आयोग को पत्र लिखा था. इसी के तहत चुनाव आयोग ने 4 हफ्ते का समय दिया है. शिवसेना के दोनों समूहों में धनुष बाण  चुनाव चिन्ह को लेकर विवाद है. इस संदर्भ में पांच याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की गई हैं. पिछले कुछ दिनों में राज्य में सत्ता परिवर्तन के कारण फंसे पेंच का मामला  सुप्रीम कोर्ट में  है. मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना की पीठ के समक्ष पांच याचिकाएं लंबित हैं. मामलों पर सुनवाई हो चुकी है,लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल रहा है.
  इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य में तख्तापलट को लेकर चुनाव आयोग को अहम निर्देश दिए थे. मुख्य न्यायाधीश रमन्ना ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि अदालत की दलीलों का समाधान होने तक कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. अब सभी याचिकाओं पर 12 अगस्त को सुनवाई होगी. साथ ही क्या इस मामले को संविधान पीठ को सौंप देना चाहिए? इस पर भी फैसला लिए जाने की संभावना है.

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