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मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर भड़के बच्चू कडू

धमकी देने वालों को मिलता है बड़ा पद

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार गठित हुए अभी 24 घंटे भी नहीं हुए कि शिंदे समर्थक विधायकों के बीच खटपट शुरु हो गई है. शिवसेना के 40 विधायकों के अलावा छोटे दल और निर्दलीय विधायक भी शिवसेना का साथ छोड़ कर शिंदे के साथ हो लिए थे. मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने पर बच्चू कडू ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. 

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात के बाद कडू ने कहा कि  देर से आने वालों को पहली पंक्ति में बैठाया गया. बच्चू कडू मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे थे. नंदनवन बंगले में हुई इस मुलाकात के बाद बच्चू कडू ने माना कि वह मीडिया से बात करते हुए परेशान थे. उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि धमकी देने वालों का राज्य होता है, धमकी देने वाले बड़े नेता को ही मंत्री पद मिलता है.

जो देर से आता है वह पहली पंक्ति में बैठा होता है और जो पहले जाता है वह आखिरी पंक्ति में बैठता है. लेकिन कोई नाराजगी नहीं है. राजनीति में यह चलता रहता है. हममें वह समझ हैं. हम सिर्फ मंत्री पद के लिए नहीं गए.  मंत्री पद से ज्यादा महत्वपूर्ण बच्चू कडू है. तो यह बहुत दुख की बात नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि राज्य उनका है जो धमकियां देते हैं. जो अधिक जोखिम उठाएगा वह बड़ा नेता होगा. धमकियों के कारण कई पार्टियां बड़ी हो गईं. बीजेपी हो, शिवसेना हो या कोई और बगावत हर जगह हुई है. किस पार्टी में विद्रोही नहीं है? विद्रोहियों का शासन है,जो पहले विद्रोह करता है उसे मंत्री पद मिलता है.

कडू ने कहा कि ऐसा नहीं है कि नाराजगी नहीं है, थोड़ी नाराजगी है. लेकिन बात इतनी भी नहीं है कि हम अपना घर छोड़कर दूसरी पार्टी में चले जाएं.यह एक अस्थायी झुंझलाहट है. कैबिनेट का अभी पूरी तरह से विस्तार नहीं हुआ है. अगर पूरा विस्तार होता और कोई अवसर नहीं होता, तो कहानी अलग होती.

बच्चू कडू ने चेतावनी दी कि मैंने सिर्फ मंत्री पद के लिए शिंदे समूह का समर्थन नहीं किया. हमने कुछ बिंदुओं के आधार पर समर्थन दिया था, अगर उन बिंदुओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो हम अलग तरह से सोचेंगे, उन्होंने यह भी कहा कि आश्वासन दिया गया था, इसलिए हम मांग कर रहे हैं, नहीं तो ऐसा नहीं होता.

कडू ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि एकनाथ षष्ठी शिंदे ने वादा किया है कि हम आपको मंत्री बनाएंगे. अगर नाम पहली सूची में नहीं है, तो कम से कम अंतिम सूची में होगा. उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी सूची ढाई साल बाद आ सकती है. राजनीति में कुछ भी हो सकता है, यहां दो और दो से चार नहीं पांच बनते हैं.

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