रमेश बैस महाराष्ट्र के 20वें राज्यपाल, मराठी भाषा में ली शपथ
प्रभारी चीफ जस्टिस संजय गंगापुरवाला ने दिलाई शपथ

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. रमेश बैस आज महाराष्ट्र के 20वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली.(Ramesh Bais, 20th Governor of Maharashtra, took oath in Marathi language) बॉम्बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय गंगापोरवाला (CJI Sanjay Gangaporwala) ने रमेश बैस को राज्यपाल पद की शपथ दिलाई. मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव ने बैस की नियुक्ति के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आदेश को पढ़कर सुनाया.
खास बात यह है कि रमेश बैस ने मराठी में राज्यपाल पद की शपथ ली. आज दोपहर में राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित छोटे समारोह में शपथ ली. शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले सहित राज्य के विभिन्न मंत्रियों और विधायकों ने भाग लिया.
नवनियुक्त राज्यपाल रमेश बैस का तत्कालीन मध्य प्रदेश और वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा नाम है. रमेश बैस को सामाजिक मुद्दों, राजनीति और संगठन के काम में लगभग पांच दशकों का लंबा अनुभव है. रमेश बैस ने सार्वजनिक जीवन में नगरसेवक पद से लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री और राज्यपाल के पद तक विभिन्न जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है. इससे पहले बैस को 2019 में राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था. वह 29 जुलाई 2019 से 13 जुलाई 2021 तक त्रिपुरा के राज्यपाल रह चुके हैं. उन्हें 14 जुलाई 2021 को झारखंड के राज्यपाल के रूप में स्थानांतरित किया गया था.
रमेश बैस का जन्म 2 अगस्त 1947 को रायपुर (छत्तीसगढ़) में हुआ था. उनकी शिक्षा रायपुर में हुई थी. रमेश बैस ने सार्वजनिक जीवन में नगरसेवक के पद से लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री और राज्यपाल के पद तक विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है. रमेश बैस पहली बार 1978 में रायपुर नगर निगम में पार्षद चुने गए थे. रमेश बैस 1980 से 1985 तक मध्य प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे. इस अवधि के दौरान, रमेश बैस ने मध्य प्रदेश विधानमंडल की बजट समिति के सदस्य और बाद में पुस्तकालय समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया. वे 1982 से 1988 तक मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की सरकार में राज्य मंत्री भी रहे. साल 1989 में बैस पहली बार रायपुर से लोकसभा के लिए चुने गए थे. उसके बाद वे कुल 7 बार लोकसभा के लिए चुने गए. 1998 में, रमेश बैस को प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में इस्पात और खान मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था.
2019 के चुनाव में बीजेपी ने रमेश बैस का टिकट काट दिया था. इसके बाद उनकी नाराजगी सामने आई.हालांकि बाद में उन्होंने बीजेपी के लिए प्रचार किया. मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद 2014 में बैस को त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया गया. उसके बाद महाराष्ट्र राज्य में सत्ता के नाटकीय हस्तांतरण के बाद महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद संभाला है.