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एमएलसी पद से इस्तीफा नहीं देंगे उद्धव ठाकरे
कांग्रेस नेता के समझाने पर बदला मन

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 40 विधायकों के साथ बगावत कर शिवसेना से अलग हो गए थे. इस कारण से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा.(Uddhav Thackeray will not resign from the post of MLC)
उन्होंने उसी रात वर्षा बंगला भी छोड़ दिया. महाविकास आघाड़ी सरकार अल्पमत में आने के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उस समय यह भी कहा गया कि उद्धव ठाकरे ने एमएलसी पद से भी इस्तीफा दे दिया है. लेकिन अब उद्धव ठाकरे ने अपना फैसला बदल दिया है. अब वे एमएलसी पर से इस्तीफा नहीं देंगे.
उन्होंने उसी रात वर्षा बंगला भी छोड़ दिया. महाविकास आघाड़ी सरकार अल्पमत में आने के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उस समय यह भी कहा गया कि उद्धव ठाकरे ने एमएलसी पद से भी इस्तीफा दे दिया है. लेकिन अब उद्धव ठाकरे ने अपना फैसला बदल दिया है. अब वे एमएलसी पर से इस्तीफा नहीं देंगे.
उद्धव ठाकरे के इस बदले हुए फैसले को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या वे फिर से वापसी करेंगे. बताया जाता है कि उद्धव ने कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा के बाद विधान परिषद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया है. उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट की लड़ाई का फैसला अब सुप्रीम कोर्ट में ही हो सकता है. यह भी संभावना जताई जा रही है कि विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद यदि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आता है तो दुबारा मुख्यमंत्री बनने में परेशानी हो सकती है.
शिवसेना ने बड़ी बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने अप्रत्याशित रूप से मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया था. उद्धव ठाकरे ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा था. इसलिए उन्होंने विधान परिषद का रास्ता चुना था. लेकिन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने विधान परिषद सदस्यता से भी इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी. इसलिए चर्चा शुरू हुई कि वे पार्टी संगठन पर ध्यान देंगे. लेकिन उन्होंने अपना फैसला बदल दिया है और सत्ताधारी दल को विधान परिषद में रहकर चुनौती दे सकते हैं.
दो दिन पहले इंडिया टुडे-सी वोटर के एक सर्वे ने भविष्यवाणी की थी कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिंदे समूह को बड़ा झटका लगेगा. वहीं शिंदे गुट के साथ गए संजय शिरसाट ने ट्विटर डीपी में उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के परिवार को मुखिया बताया था. अब चर्चा यह भी गर्म है कि क्या संजय शिरसाट उद्धव ठाकरे गुट में वापसी करेंगे. इससे शिंदे गुट के नेताओं की भौंहे तन गई है. हालांकि बाद में शिरसाट ने अपनी डीपी से वह फोटो हटा दिया. शिरसाट ने सफाई में कहा कि तकनीकी गलती के कारण ऐसा हुआ था. हम शिंदे गुट के साथ हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि मंत्री पद पाने मुख्यमंत्री शिंदे पर दबाव बनाने के लिए शिरसाट ने ट्विटर पर उद्धव ठाकरे को कुटुंब प्रमुख बताया था.