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दुर्घटना के एक घंटे तक मेटे को नहीं मिली मदद

एक्सप्रेस वे पर चलने वाले लोगों की निष्ठुरता आई सामने

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Vinayak Mete मुंबई. पूर्व विधायक एवं शिवसंग्राम संगठन (Shivsangram Sangathan)के नेता विनायक मेटे का सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. दुर्घटना के बाद तत्काल चिकित्सा सहायता मिल जाती तो (Mete did not get help for an hour after the accident) शायद उनकी जान बच जाती. विनायक मेटे का ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद एक्सप्रेस वे पर चल रहे वाहनों को रोक कर मदद की गुहार लगा रहा था लेकिन सैंकड़ों की संख्या में चलने वाले वाहनों में से किसी ने रुककर मदद का प्रयास नहीं किया. हमारा समाज कितना निष्ठुर होता जा रहा है उसकी एक बानगी सामने आई है.
मराठ समाज के लिए जुझारू नेता थे मेटे
मराठा आरक्षण के लिए अंतिम सांस तक लड़ने वाले नेता, पूर्व विधायक विनायक मेटे, एक आवाज बन गए थे, जिसने शिव स्मारक को बनाने लिए कड़ी मेहनत की.  मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज मराठा क्रांति मोर्चा की बैठक बुलाई थी, उसी बैठक में शामिल होने के लिए मेटे बीड से मुंबई आ रहे थे. बीड जिले में मराठा समाज का बड़ा कार्यक्रम था, लेकिन वह बीड में कार्यक्रम छोड़कर मुंबई के लिए रवाना हो गए, यह मानते हुए कि समुदाय के मुद्दे को न्याय दिलाने के लिए उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण थी. लेकिन रास्ते में रायगढ़ जिले के खोपोली के पास उनका एक्सीडेंट हो गया. उनके वाहन के चालक ने गंभीर आरोप लगाया है कि हादसे के बाद करीब एक घंटे तक उन्हें मदद नहीं मिली.
  मेटे के ड्राइवर ने लगाया गंभीर आरोप 
 मेटे के ड्राइवर एकनाथ कदम ने आरोप लगाया कि करीब पांच बजे हमारा एक्सीडेंट हो हुआ. विनायक मेटे जिस तरफ बैठे थे  कार बायीं ओर से वाहन से टकरा गई.  विनायक मेटे को जोरदार टक्कर लगी. हादसे के बाद हम लोगों से मदद मांग रहे थे, मदद के लिए इंतजार कर रहे थे, लेकिन हमें एक घंटे तक चिकित्सा सहायता नहीं मिली. एकनाथ ने कहा कि वह एक्सप्रेस वे पर यह सोच कर लेट गया था कि कोई रुक कर अस्पताल ले जाने में मदद कर देगा लेकिन किसी ने नहीं सुनी.
    मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर खालापुर टोल बूथ के पास सुबह करीब साढ़े पांच बजे विनायक मेटे का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में मेटे के सिर गंभीर चोट लगी थी. इसके बाद उन्हें पनवेल के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
     मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
विनायक मेटे की मौत जिस लापरवाही के कारण हुई पूरा महाराष्ट्र सन्न हो गया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं. उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी जानकारी दी. लेकिन सड़क पर चलने वाले लोगों में मानवता का नाम की कोई चीज नहीं है. यदि इसी तरह सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं में लोग एक दूसरे की मदद नहीं करेंगे तो दुर्घटना के बाद उनकी मदद कौन करेगा. यह सोचने का विषय है.

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