महिम उर्स में हजरत मकदूम शाह को पुलिस सलामी पर उठे सवाल
वकील गुणरत्न सदावर्ते ने किया सलामी देने का विरोध

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. माहिम स्थित हजरत मकदूम शाह की मजार पर लगने वाला उर्स इस वर्ष 8 दिसंबर से 17 दिसंबर तक मनाया जाएगा. (Questions raised on police salute to Hazrat Makdum Shah in Mahim Urs) उर्स शुरू होने पर पहले पुलिस हजरत मकदूम शाह को सलामी देकर चादर चढ़ाती है. लेकिन अब उर्स के दौरान मकदूम शाह को पुलिस सलामी देने का विरोध शुरू हो गया है. वकील गुणरत्न सदावर्ते (Adv.Gunaratn Sadavarte) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पुलिस कमिश्नर विवेक फणसलकर को पत्र लिखकर महिम दरगाह पर सलामी देने पर सवाल उठाया है.
सदावर्ते ने लिखा कि दरगाह पर पुलिस की सलामी पुलिस मैनुअल के खिलाफ है. पुलिस किसी धार्मिक स्थल पर सलामी देना संविधान में नहीं लिखा गया है. यह बॉम्बे पुलिस मैनुअल के खिलाफ है. वर्षों पुरानी परंपरा के नाम पर सलामी देना गलत है. पुलिस मैनुअल में केवल वरिष्ठ अधिकारियों को सलामी देने की अनुमति देता है. सदावर्ते ने इस प्रथा को बंद करने की मांग की है.
सदावर्ते ने कहा कि क्या कभी मुंबई पुलिस चैत्य भूमि पर जाकर सलामी दिया है. मुंबई के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों जिसमें सिद्धि विनायक मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, मुंबा देवी मंदिर में जाकर सलामी देती है. फिर हजरत मकदूम शाह को सलामी क्यों. उन्होंने कहा कि
यह पुलिस यूनिफॉर्म की प्रतिष्ठा का भी सवाल है. उन्होंने कहा कि मैं किसी धर्म का विरोधी नहीं हूं. हमारा उद्देश्य केवल इतना है कि पुलिस संवैधानिक नियमों का पालन करे. सदावर्ते की हजरत मकदूम शाह की मजार पर सलामी का विरोध एक विवाद को जन्म दे सकती है. गुणरत्न सदावर्ते प्रदेश भर में हुए एसटी आंदोलन का समर्थन कर चर्चा में आए थे. महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.