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राजू श्रीवास्तव की हालत बिगड़ी,डॉक्टरों ने घोषित किया ब्रेन डेड

अमिताभ ,बच्चन की आवाज भी नहीं दिखा पाई चमत्कार

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

दिल्ली. देश के मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की हालत बिगड़ती जा रही है. वेंटिलेटर पर भर्ती राजू श्रीवास्तव का ब्रेन काम नहीं कर रहा है इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया है. (Raju Srivastava’s condition deteriorated, doctors declared brain dead) ताजा खबर है कि राजू श्रीवास्तव की हार्ट बीट जो बिगड़ गई थी पिछले एक घंटे से स्थिर है. राजू को बचाने के लिए अमिताभ बच्चन ने भी अपनी आवाज रिकॉर्ड की भेजी थी. उनकी आवाज राजू को सुनाई भी जा रही थी लेकिन वह आवाज भी चमत्कार नहीं कर पा रही है. सब राजू के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

बता दें कि राजू श्रीवास्तव की हालत पिछले कुछ दिनों से स्थिर बताई जा रही थी, लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ गई. कॉमेडियन का इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा है, जहां वे 10 अगस्त से भर्ती हैं.

बता दें कि 10 अगस्त की सुबह जिम में वर्कआउट करते वक्त राजू श्रीवास्तव बेहोश होकर गिर गए थे. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उस दिन से लेकर अब तक वो होश में नहीं आए हैं. राजू श्रीवास्तव के फैंस लगातार उनकी सेहत के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. डॉक्टर्स उनकी सेहत की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं आया है. बीच में खबर आई की राजू अपने हाथ पैर हिला रहे हैं. वे थोड़ा रिएक्ट कर रहे हैं लेकिन अचानक उनका ब्रेन काम करना बंद कर दिया.

राजू श्रीवास्तव के ब्रेन के साथ अब हार्ट में भी समस्या आ रही थी. डॉक्टरों ने वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा हुआ है. डॉक्टर्स पूरी कोशिश कर रहे थे कि ऑक्सीजन राजू श्रीवास्तव के दिमाग के पूरे हिस्से में पहुंचे. पर हालत में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डॉक्टर ने उनके परिवार वालों को जवाब दे दिया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक राजू श्रीवास्तव को बीते दिनों बुखार हुआ था, जिसकी दवा उन्हें दी जा रही थी. जब उनकी हालत में सुधार नहीं आया तो फिर एमआरआई किया गया था. जिसमें सामने आया था कि उनकी दिमाग की एक नस दबी हुई है.उनके सिर के ऊपरी हिस्से में ब्लड क्लॉट भी पाए गए थे. यही कारण है कि वो इतने दिनों से होश में भी नहीं आए हैं.

मेडिकली ब्रेन डेड वह स्थिति होती है जिसमें दिमाग रिएक्ट करना और दैनिक प्रक्रिया करना बंद कर देता है. जिसकी वजह से दिमाग से मिलने वाले संदेश शरीर के अंगों को नहीं मिलते हैं. ऐसे में शरीर काम करना बंद कर देता है. जैसे सांस लेना, पलक झपकाना, आंखों की पुतली का रिस्पॉन्स नहीं करना, बॉडी मूमेंट मुख्य रूप से शामिल हैं.

ब्रेन डेड की स्थिति में शरीर में दिमाग सिर्फ काम नहीं करता है. लेकिन बाकी अंग जैसे लीवर, हार्ट और किडनी काम करते हैं. जिससे इंसान का शरीर जिंदा रहता है. लेकिन उसे दर्द का एहसास नहीं होता है. उसकी चेतना जीवित नहीं होती है.

ब्रेन डेड में इंसान सांस नहीं ले पाता है. इसलिए मरीज को वेंटिलेटर पर रखा जाता है ताकि उनकी सांस चलती रहें. क्योंकि हार्ट अपना काम कर रहा होता है. लीवर, किडनी काम करता है. लेकिन दिमाग से संदेश प्राप्त करके चलने वाले सारे अंग काम करना बंद कर देते हैं. ऐसे मामले में मरीज का बचना बहुत कठिन हो जाता है.

 

42 साल कोमा में थी अरुणा शानबाग 

केईएम अस्पताल की एक नर्स अरुणा शानबाग के साथ स्टाफ ने ही  रेप किया था. वह सदमें में आ गई थी. उसका भी ब्रेन डेड था. डॉक्टरों ने उसे 42 साल तक सलाइन से खाना पीना पहुंचा कर जिंदा रखा. लेकिन वह अस्पताल की नर्स थी. सबने अपने परिवार का हिस्सा मानकर उसकी सेवा किए थे. 38 साल बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया. एक आम आदमी की इतनी हैसियत नहीं कि वर्षों तक अस्पताल का खर्च झेल सके. हालांकि लोग अब भी राजू श्रीवास्तव के ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. मनोज मुंतसिर ने ट्वीट किया कि राजू भाई हिम्मत मत हारना, थोड़ा और जोर लगा दो, हमारे हाथ प्रार्थना के लिए जुड़े हुए हैं.

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