मुंबई में 26/11 जैसा हमला करने की धमकी
मुंबई पुलिस कंट्रोल को आया धमकी भरा मैसेज

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई . मुंबई पुलिस के ट्रैफिक कंट्रोल रूम 26/11 जैसा हमला करने की धमकी भरा मैसेज (26/11-like attack threatened in Mumbai)मिला है. यह संदेश भारत के बाहर के एक नंबर से प्राप्त हुआ है.पुलिस ने मैसेज भेजने वाले और उसके उद्देश्य की जांच शुरू कर दी है.
देश भर में अभी आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया.स्वतंत्रता दिवस के मौके पूरे देश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर थीं. चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात की गई थी. अगले ही दिन रायगड जिले में हथियारों से भरी बोट मिलने से हड़कंप मच गया. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नाव को रोका तो पता चला कि नाव ऑस्ट्रेलिया की है और गलती से श्रीवर्धन के किनारे आ गई है. 26/11को नाव से आए 10 आतंकवादियों ने हमले को अंजाम दिया था. इसलिए आज सुबह मिले संदेश ने पुलिस समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है.
26/11 हमला पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. पाकिस्तान से आए आतंकवादी मुंबई के कफ परेड में मच्छीमार नगर के पास नाव से उतरे. वहां से वे ताज होटल , सहित विभिन्न जगहों पर फैल गए. मुंबई के सबसे व्यस्ततम सीएसटी स्टेशन, दो प्रमुख होटल में आतंकी और सुरक्षा बलों के बीच फायरिंग होती रही. 26 नवंबर से 28 नवंबर के बीच हुए हमले में 34 विदेशी नागरिकों सहित लगभग 197 लोग मारे गए थे, जबकि 800 से अधिक लोग घायल हुए थे. मुंबई ठहर गई थी. इसलिए इसे मुंबई का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. हमले के बाद मुंबई के समुद्री किनारों की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई थी.
दो दिन पहले भी श्रीवर्धन के तट पर ऐसी नाव मिलने से हड़कंप मच गया था. जैसे कि अब कहा जा रहा है कि यह नाव गलती से भारत आ गई है, भय का संकट दूर हो गया है. हालांकि, धमकी भरे फोन कॉल के चलते आज फिर से सुरक्षा व्यवस्थाओं को अलर्ट कर दिया गया है.
मुंबई की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
मुंबई के पास हथियारों से लदी एक नाव आकर किनारे पर लग जाती है और मुंबई की सुरक्षा करने वाली एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी. मुंबई हमले के बाद सुरक्षा के लिहाज से तीन लेयर का सुरक्षा चक्र बनाया गया था. मुंबई के किनारों की सुरक्षा मुंबई पुलिस, 10 किमी भीतर समुद्र में भारतीय तटरक्षक बल और उसके आगे गहरे समुद्र में भारतीय नौसेना पर सुरक्षा की जिम्मेदारी है. लेकिन एक नाव बड़ी आसानी से बहते हुए किनारे पर आ जाती है और इन तीनों सुरक्षा एजेंसियों को पता ही नहीं चला. इससे हमारी पूरी सुरक्षा व्यवस्था ही संदेश के घेरे में है. यह इतनी बड़ी चूक थी जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ जाता.