Breaking Newsमहाराष्ट्रमुंबईराजनीति

एनसीपी को थी शिवसेना में बगावत की जानकारी, नये खुलासे से सनसनी

जानबूझ कर नहीं लिया कोई एक्शन!

नए खुलासे से मविआ में सुगबुगाहट
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. शिवसेना में बगावत के बाद से सियासी उठापटक जारी है. महाविकास सरकार में गृहमंत्रालय संभाल रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को शिवसेना में बगावत की पूरी जानकारी (NCP Was aware of revolt in ShivSena) होने के बाद भी एनसीपी के गृहमंत्री मौन साधे रहे. उन्होंने बगावत रोकने के लिए शिवसेना की कोई मदद नहीं की. शिवसेना के बागी विधायक पहले ही आरोप लगाते रहे कि एनसीपी के कारण ही बगावत हुई है. नए खुलासे से इस बात को बल मिलता दिख रहा है.
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे शिवसेना के कई बागी विधायकों को लेकर रात में सूरत की तरफ रवाना हो गए थे. लेकिन गृह विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब इसमें और नई जानकारियां सामने आ रही हैं. संबंधित मंत्रियों के अंगरक्षकों ने कंट्रोल रूम को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी थी. ऐसे में गृह मंत्री ने जानकारी होने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया.

  अब कहा जा रहा है कि नेताओं की सुरक्षा लगे पुलिस कर्मियों की कोई गलती नहीं है इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. शिवसेना के विधायक और मंत्री बगावत कर राज्य से बाहर जा रहे हैं इस बात की जानकारी चारों मंत्रियों के सुरक्षा गार्डों ने वॉकी टॉकी पर दी थी. पता चला है कि एकनाथ शिंदे के सूरत जाने की पूरी जानकारी कंट्रोल रूम को दे दी गई है. एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है कि गृह मंत्री को इस बात की जानकारी थी कि शिंदे 5 से 6 विधायकों के साथ गुजरात जा रहे हैं.
मंत्रियों के सुरक्षा गार्ड ने दी थी कंट्रोल को सूचना 
 एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद शिवसेना और महाविकास आघाड़ी में खलबली मची हुई है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने फिलहाल 50 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है. शिवसेना के बागी समूह को भाजपा शासित राज्य असम में आश्रय दिया गया था.  जब विधायक इतने बड़े पैमाने पर बगावत की तैयारी कर रहे हैं, तो इस बात की संभावना कम ही है कि इसकी खुफिया जानकारी गृहमंत्री तक  नहीं पहुंची. सेना में विभाजन, सूरत जाने वाले विधायकों और महाविकास आघाड़ी सरकार के संकट में होने की चर्चा भले ही हुई हो, लेकिन सवाल यह उठता है कि किसी पुलिस तंत्र को इसकी भनक कैसे नहीं लगी.
 महाराष्ट्र के बार्डर पर पहुंचने के बाद  एकनाथ शिंदे अन्य मंत्रियों और विधायकों के साथ रात भर सरकारी सुरक्षा छोड़,सभी सुरक्षा गार्डों को वापस महाराष्ट्र की सीमा पर भेज दिया गया. लेकिन संजय राउत ने सवाल उठाया कि इस बार सुरक्षा गार्ड और पुलिस अधिकारी क्या कर रहे थे. ऐसे में अब शक की सुई वलसे पाटिल पर शिफ्ट हो गई है.
पाटिल की तरफ उठ रही अंगुली 
 एक राजनीतिक दल  के विधायक महाराष्ट्र  छोड़कर कहीं और जा रहे थे. इतना बड़ा विद्रोह उसी समय हो रहा था. सवाल उठाया गया है कि कैसे किसी सरकारी एजेंसियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. शिवसेना सांसद संजय राउत ने संबंधित अधिकारियों और सुरक्षा गार्डों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. हालांकि तत्कालीन गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल की तरफ भी उंगली उठ रही है कि क्या उन्होंने शिवसेना की बगावत होने का खुलासा जानबूझकर नहीं किया. तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक इस बात की तत्काल सूचना क्यों नहीं दी गई. या शिवसेना की बगावत में राकांपा का भी कोई हाथ है इस पर भी देर सवेर महाविकास आघाड़ी में चर्चा उठेगी.

Related Articles

Back to top button