
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मानसून( Mansoon) को लेकर बड़ा अपडेट आया है. इस वर्ष 15 15 दिन देर से मानसून आया था और अब 15 दिन पहले ही विदा हो जाएगा. देश में कहीं जबरदस्त बारिश हुई तो कहीं सूखे के हालात पैदा हो गए. बरसात पर निर्भर क्षेत्रों में कृषि उपज को बहुत नुकसान पहुंचा है. इसका असर अनाज उत्पादन पर पड़ेगा.
मौसम विभाग ने कहा है कि मानसून सितंबर के पहले सप्ताह में ही अपनी वापसी की यात्रा शुरू कर देगा. अमूमन मानसून की वापसी 17 सितंबर से शुरू होती है और 30 सितंबर तक मानसून विदाई लेता है. हालांकि इस साल मानसून के 15 दिन पहले खत्म होने की संभावना जताई जा रही है.
पिछले साल मानसून 6 अक्टूबर को वापसी की यात्रा शुरू की थी. लेकिन इस साल वापसी की यात्रा दो हफ्ते पहले शुरू होने की संभावना है. देश के कुछ इलाकों में जोरदार बरसात हुई.हालांकि देश में इस साल अच्छा मानसून औसत रहा है, लेकिन उत्तर भारत के कुछ राज्यों में औसत से कम बरसात होने के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उत्तर भारत के किसान अभी भी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.
देखने में आया है कि जून महीने में हुई भारी बारिश जुलाई और अगस्त के महीनों में जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई. महाराष्ट्र के अधिकांश जिलों में भारी बारिश हुई. यहां के किसान संतुष्ट लग रहे हैं.हालांकि कहीं-कहीं भारी बारिश भी हुई हैं जिससे किसानों की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है. खासकर विदर्भ और मराठवाड़ा में कृषि फसलों को भारी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि राज्य में औसत से ज्यादा बारिश हुई है. 1 जून से राज्य में औसत से 27 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि प्रदेश के 24 जिलों में औसत से 60 फीसदी अधिक बारिश हुई है. चार जिलों में औसत से 20 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. 9 जिलों में अपेक्षित बारिश हुई है. प्रदेश में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां संतोषजनक बारिश नहीं हुई हो.
इसके विपरीत उत्तर भारत में औसत से बहुत कम बरसात होने की वजह से किसान चिंतित हैं. उत्तर प्रदेश में बरसात कम होने की वजह से धान की फसलों को नुकसान पहुंचा है. इससे इस वर्ष उत्पादन कम होने की आशंका जताई जा रही है.