देखें, लालबाग राजा, जीएसबी गणपति की पहली झलक
दोनों की गणपति का है अपना अलग महत्व

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई गणेशोत्सव जोरदार तरीके से मनाया जाता है. इस त्योहार की अगले वर्ष की तैयारियां विसर्जन के बाद ही शुरू हो जाती हैं. (Watch the first glimpse of Lalbagh Raja, GSB Ganpati)अगले वर्ष के मूर्तियों का आर्डर दे दिया जाता है. पिछले दो वर्ष कोरोना संकट के गणेशोत्सव का उत्साह फीका हो गया था. इस वर्ष यह त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. मुंबई की दो प्रसिद्ध मंडलों की गणपति का आगमन पंडालों में हो गया. लालबाग के राज और माटुंगा के जीएसबी गणपति की आज पहली झलक देखने को मिली. इन दोनों गणपति को देखने के लिए भक्तों की लंबी कतार लगती है.
आज मीडिया के सामने दोनों गणपति को सार्वजनिक किया गया. लालबाग के राजा के बारे में मान्यता है कि यहां आने वाले हर भक्त की इच्छाओं की पूर्ति होती हैं. आम जनता से लेकर राजनेता और फिल्म स्टार्स भी यहां दर्शन करने पहुंचते हैं. लालबाग के राजा को सबसे अधिक चढ़ावा चढ़ाया जाता है. मांगे पूरी होने के बाद लोग स्वयं यहां आकर गुप्त दान करते हैं. लालबाग राजा को मुंबई में सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ता है जो करोड़ों में होता है. लालबाग राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना 1934 में शुरु की गई थी. इनका विसर्जन दसवें दिन सबसे आखिर में किया जाता है. इनका दर्शन पाने के आखिरी के दो दिन पांच किलोमीटर से ज्यादा लंबी कतार लगती है.
जीएसबी गणपति सबसे अमीर

मुंबई के माटुंगा स्थित जीएसबी गणपति सबसे अमीर गणपति हैं. जीएसबी सेवा मंडल द्वारा स्थापित गणपति का इस वर्ष 316.40 करोड़ रुपए का बीमा कराया गया है. मंडल के अध्यक्ष विजय कामथ के अनुसार 316.4 करोड़ रुपए के बीमा में सोने, चांदी तथा अन्य मूल्यवान वस्तुओं के लिए 31.97 करोड़ रुपए का कवर और पंडाल, स्वयंसेवकों, पुजारियों, रसोइयों, जूतों के स्टाल पर काम करने वाले कर्मचारियों, पार्किंग के कर्मचारियों तथा सुरक्षा कर्मियों का 263 करोड़ रुपए का व्यक्तिगत बीमा कवर शामिल है. जीएसबी सेवा मंडल इस साल अपना 68वां गणपति उत्सव मना रहा है. इस वर्ष 70किलो सोना और 300 किलो चांदी से इनका श्रृंगार किया जाएगा. यहां आने वाले भक्तों का भी 20 करोड़ रुपए का बीमा कवर रहता है.
मुंबई में कुल 12 हजार सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में घरों में स्थापित की जाने वाली लाखों प्रतिमाएं होती हैं. इनमें इन दोनों गणेश भगवान का अपना अलग महत्व है.




