जब मुंबई दौरे पर आई लिज़ ट्रस,एक साल बाद बनी ब्रिटेन की प्रधानमंत्री
भारतीय मूल के ॠषि सुनक को हराया

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. ब्रिटेन की विदेश सचिव रही लिज़ ट्रस ((Liz Truss) प्रधानमंत्री बनेंगी. उन्होंने भारतीय मूल के पूर्व चांसलर ॠषि सुनक को हरा दिया. लिज़ ट्रस पिछले साल मुंबई महानगरपालिका में ब्रिटिश काल में बनी इमारत में चल रहे मनपा का कामकाज देखने आई थीं. लेकिन तब किसी को नहीं पता था कि वे ब्रिटेन की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार भी होंगी.
बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ऋषि सुनक और लिज ट्रस प्रधानमंत्री बनने की होड़ में थे. लिज़ को 81,326 वोट और सुनक को 60, 399 वोट मिले. थेरेसा में और मार्गरेट थैचर के बाद लिज ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं. हालांकि जिस तरह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के लिए एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने चुनौती दी वह काबिले तारीफ थी. ॠषि सुनक की हार का एक प्रमुख कारण उनका हिंदू धर्म में विश्वास और भारतीय होना रहा.
सुनक मूल रूप से इंग्लैंड या ब्रिटेन के नहीं है. वोटिंग का जिम्मा कंजर्वेटिव पार्टी के दो लाख कार्यकर्ताओं के पास आने के बाद सुनक सभी सर्वे में ट्रस से पिछड़ते चले गए.
सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति मशहूर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं. अक्षता भारत में पैदा हुई हैं. विपक्ष ने अक्षता को उनकी ‘गैर-स्थानीय कर स्थिति’ को लेकर निशाना बनाया. अक्षता की इंफोसिस में लगभग 0.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है. ‘गैर-स्थानीय कर स्थिति’ का अर्थ है कि वह विदेशों में अर्जित आमदनी पर ब्रिटेन में कर देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं हैं.
टैक्स कम करने के भी सुनक एकदम खिलाफ थे और लिज ट्रस ने इसके ठीक उलट कहा कि मैं आते ही टैक्स को कम कर दूंगी. इसके अलावा सुनक पर प्रवासी होने का ठप्पा भी लगातार बना रहा था. एक साल पहले तक ऋषि सुनक अगले टोरी नेता बनने की रेस में सबसे आगे थे. सुनक बोरिस जॉनसन के खिलाफ चले गए. अपनी जीत के बाद लिज ट्रस बोरिस जॉनसन को थैक्यू कर रही थी. ट्रस पहले से ही जॉनसन कैंप की मानी जा रही थी. पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिकों ने भी ॠषि सुनक की जगह लिज ट्रस को ही वोट दिया.