आईएनएस न्यूज नेटवर्क Cheetah: मुंबई मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में चीतों को जगह मिलने के बाद मुंबई महानगर पालिका ने मुंबई के वीरमाता जीजाबाई भोसले पार्क और जूलॉजिकल म्यूजियम (Ranibag) में चीतों को लाने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की जाने वाली है. अंतिम मंजूरी मिलने के बाद चीतों को लाने की प्रक्रिया शुरू होगी. चीता का पिंजरा और अन्य प्रक्रियाओं के लिए समय और अनुमोदन प्रक्रिया में लगभग ढ़ाई साल लगेंगे. इसलिए मुंबईकरों को अभी चीते को देखने के लिए कम से कम डेढ़ साल इंतजार करना पड़ेगा. करीब तीन-चार साल पहले भायखला के रानी बाग में चीतों को लाने की योजना पर काम शुरू हुआ था. जिसमें दो नर और तीन मादा चीतों को लाने के लिए टेंडर प्रक्रिया कराई गई थी. लेकिन किसी तकनीकी कारण से टेंडर प्रक्रिया दो बार रद्द कर दी गई. इससे चीता और अन्य जानवरों के आने में देरी हुई. अब रानीबाग का आधुनिकीकरण अंतिम चरण में है. रानीबाग का विस्तार भी किया जाएगा. इसलिए आने वाले समय में देशी-विदेशी जानवरों को रानी बाग लाया जाएगा.चीता के साथ-साथ सफेद शेर, चिंपैंजी, लेमूर, लेजर फ्लेमिंगो, हिप्पो, एमु, जगुआर और अन्य जानवरों को भी लाए जाने हैं. इस संबंध में टेंडर प्रक्रिया कराकर सेंट्रल जू अथॉरिटी की मंजूरी भी ली गई थी. भायखला में वीरमाता जीजाबाई भोंसले उद्यान (क्वीन गार्डन) के लिए मफतलाल मिल की साइट प्राप्त कर ली गई है और वहां नए पिंजरे बनाए जाएंगे इसमें कुछ देशी जानवरों के पिंजरे बनाए जाएंगे और पिंजरे के काम में दो से डेढ़ साल का समय लगेगा. ऐसा लग रहा है कि मफतलाल मिल परिसर तक रानी बाग का विस्तार किया जाएगा. रानीबाग में जानवरों को देखने के लिए सैलानी उमड़ते हैं. शनिवार और रविवार को भी को रानीबाग में रखने के लिए जगह नहीं बची है. अभी रानी बाग में बाघ, तेंदुए, हाथी, लोमड़ी, हिरण, नीलगाय, सरीसृप, मगरमच्छ और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों सहित विभिन्न प्रकार के वन्यजीव हैं. इसमें विभिन्न प्रकार के नए वन्यजीवों को शामिल करने की योजना है. जिसमें चीते के साथ कुछ अन्य जानवरों को लाने के लिए फिर से सेंट्रल जूलॉजिकल म्यूजियम अथॉरिटी को आवेदन दिया जाएगा. नगर पालिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन सभी प्रक्रियाओं में ढाई से ढाई साल लगेंगे. पहले चरण में जगुआर, चीता, रिंग टेल लेमूर, लेजर फ्लेमिंगो और दूसरे चरण में हिप्पो, एमु आदि जानवरों को रानी बाग लाया जाएगा. रानी बाग के निदेशक डॉ संजय त्रिपाठी ने कहा कि नगर पालिका पर्यटकों को स्थानीय और विदेशी जानवरों का नजारा दिखाने की कोशिश कर रही है. ऐसा होगा चीते का पिंजरा चीते का पिंजरा आधुनिक और कुछ बड़ा होगा. चीते की गति का अध्ययन कर यह पिंजरा बनाया जाएगा. इस पिंजरे में एक घास वाला खंड, एक छोटा झरना बनाया जाएगा. रानीबाग प्रशासन ने विश्वास जताया कि पेड़ों और झाड़ियों से सजा जलप्रपात पर्यटकों को जरूर आकर्षित करेगा.