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1.25 ट्रिलियन डॉलर का सामान बिका

देश में दीवाली सामानों की बंपर सेल

हलक में अटकी चीन की सांसें
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. चीन के खिलाफ भारत में बढ़ते गुस्से का असर दीपावली में देखने को मिला. सीमा पर भारत और चीन की सेनाएं एक दूसरे के आंख में आंख डाले खड़ी हैं. डोकलाम कांफ्लिक्ट के बाद भारतीयों ने चीनी सामानों के बहिष्कार की मुहिम शुरु की थी. जिसका परिणाम अब सामने आया है. इस दीवाली में देश में बने सामानों का बंपर सेल दर्ज किया गया है जो अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं. दीवाली के अवसर पर भारत में 1.25 ट्रिलियन डॉलर की सेल हुई है. इसे देखकर चीन ही पाकिस्तान की भी सांसे अटक गई हैं.
  चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चौथी बार मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने पर वीटो का उपयोग करने के बाद देश  के सबसे बड़े संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आह्वान पर  दिल्ली सहित देश विभिन्न राज्यों में व्यापारी संगठनो ने चीन के बने सामान का बहिष्कार करने की अपील की थी. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा था कि व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था के चौकीदार हैं और भारत में चीन के व्यापार को और अधिक पनपने नहीं दिया जाएगा. बड़े व्यापारी से लेकर छोटे व्यापारी, स्वदेशी जागरण मंच और जनता में चीनी सामानों बहिष्कार करने वाली मुहिम का आंधी ऐसी चली की चीन के होश उड़ा दिए हैं. इस त्योहारी सीजन में चीन को 52 हजार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है.
10 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा
 डेढ़ साल से कोविड की गिरफ्त में रहने के बावजूद भारत अब कोविड से बाहर आता दिखाई दे रहा है. इस वर्ष दीवाली में 1.25 ट्रिलियन डॉलर यानी एक लाख पच्चीस हजार करोड़ रुपये की बिक्री हुई है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी इसे बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि सेल के मामले में देश में पिछले10 वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है. अकेले दिल्ली में 25 हजार करोड़ रुपये के सामानों की बिक्री हुई है.
   यह स्थिति तब है जब देश में पटाखों की बिक्री पर बैन था, पटाखे फोड़े गए थे लेकिन उतनी संख्या में नहीं. पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की इकोनॉमी को पांच ट्रिलियन डॉलर लोगों को जाने की बात कही थी. अब देश की इकोनॉमी तीन ट्रिलियन डॉलर के एकदम करीब पहुंच गई है. जॉब्स क्रियेशन होने लगा है. नौकरियों  में इजाफा होने लगा है. कास्ट कटिंग भी खत्म हो गई है. ऐसे में आने वाले समय देश की इकोनॉमी और तेजी से बढ़ने की उम्मीद है.

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