डेंगू मरीज को सलाइन से चढ़ा दिया मोसंबी जूस/हुई मौत/10 गिरफ्तार
प्रयागराज में मानवता हुई शर्मशार

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) जिले में गुरुवार को डेंगू मरीज को रक्त प्लेटलेट्स के बजाय सलाइन से मोसंबी का जूस चढ़ाने से मरीज की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने मामले में नकदी के साथ प्लाज्मा के 18 पाउच और संदिग्ध प्लेटलेट्स के तीन पाउच भी बरामद किए हैं. मानवता को शर्मशार करने वाली इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है.
कथित घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले से संबंधित सांठगांठ गठजोड़ की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रयागराज में मरने वाले डेंगू के मरीज को फलों का रस दिया गया था या नहीं. पुलिस ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह मोसंबी जूस ही था जो डेंगू के रोगी को दिया गया था.
प्रयागराज के पुलिस महानिरीक्षक राकेश सिंह ने कहा कि डेंगू के मरीजों को नकली प्लाज्मा की आपूर्ति की रिपोर्ट पर भी नजर रखने के लिए एक टीम का गठन किया गया है. प्रयागराज प्रशासन ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का भी गठन किया है.
अस्पताल को लगाया सील
जिस अस्पताल में कथित घटना हुई थी, उसे भी घटना के बाद से सील कर दिया गया है.प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को डेंगू के मरीज 32 वर्षीय प्रदीप पांडे को ब्लड प्लेटलेट्स की जगह फलों के रस से कथित तौर पर संक्रमित किया गया. अधिकारियों ने कहा कि पांडे को दूसरे अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनकी हालत बिगड़ने पर मौत हो गई.
हालांकि स्थानीय पुलिस स्टेशन में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, लेकिन जिला प्रशासन हरकत में आया और अस्पताल को सील कर दिया गया.
डिप्टी सीएम पाठक ने ट्वीट कर कहा, ‘अस्पताल में वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए जहां डेंगू के एक मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मोसंबी का रस चढ़ाया गया था, मेरे निर्देश पर अस्पताल को सील कर दिया गया और प्लेटलेट के पैकेट जांच के लिए भेज दिए गए हैं. ” उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.निजी अस्पताल के मालिक ने दावा किया कि प्लेटलेट्स एक अलग चिकित्सा सुविधा से लाए गए थे और तीन यूनिट ट्रांसफ्यूज होने के बाद मरीज की प्रतिक्रिया हुई थी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश पर सैंपल की जांच होने तक सील ही रखा जाएगा.
अस्पताल के मालिक सौरभ मिश्रा ने कहा कि चूंकि मरीज के प्लेटलेट्स का स्तर 17,000 तक गिर गया था, इसलिए उसके रिश्तेदारों को उसके लिए रक्त प्लेटलेट्स की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था. मरीज के परिजन एसआरएन अस्पताल से पांच यूनिट प्लेटलेट्स लाए थे. तीन यूनिट के चढ़ाने के बाद मरीज की हालत बिगड़ते देख हमने इसे रोक दिया.
मिश्रा ने कहा कि प्लेटलेट्स की जांच की जाए और उनकी उत्पत्ति का पता लगाया जाए क्योंकि उन पर एसआरएन अस्पताल का स्टीकर लगा हुआ था. जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने कहा, “जांच की जा रही है और प्लेटलेट्स की भी जांच की जाएगी।