गुजरात मोरबी हादसा, 141 लोगों की मौत, 100 से अधिक लापता /भाजपा सांसद के परिवार के 12 लोग की गई जान
नदी का पानी निकाल शवों की तलाश जारी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
अहमदाबाद.गुजरात के मोरबी में रविवार शाम करीब 6.30 बजे केबल जोल्टो ब्रिज टूटने से करीब 400 लोग माचू में गिर गए. (Gujarat Morbi accident, 141 people killed) हादसे में अब तक 141 से अधिक लोगों की मौत हुई है. इन शवों को मोरबी के सिविल अस्पताल में पहुंचा दिए गए हैं. मरने वालों में 50 से ज्यादा बच्चे और महिलाएं हैं. 70 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. नदी में गिर कर लापता हुए करीब 100 लोगों की तलाश अभी भी जारी है. इस हादसे में राजकोट के भाजपा सांसद मोहन कुंदरिया की फैमिली के 12 लोगों की जान चली गई. मामले में ब्रिज की मैनेजमेंट टीम पर कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

बता दें कि यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था. हाल ही में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से इसके मरम्मत का काम पूरा किया गया था. दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था. हादसे की जानकारी के लिए जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है. इसके अलावा घायलों के इलाज के लिए मोरबी और राजकोट अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है. देर रात गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल भी घटनास्थल पर पहुंच कर जायजा लिया.
सवालों के घेरे में प्रशासन
141 लोगों की मौत के बाद पूरा प्रशासन सवालों के घेरे में है. हादसे के बाद बताया जा रहा है कि ब्रिज की क्षमता करीब 100 लोगों की थी, लेकिन रविवार को छुट्टी होने के चलते इस पर करीब 500 लोग जमा हो गए थे. जब इस ब्रिज की क्षमता पता थी तो इतने लोगों को को एक साथ ब्रिज पर जाने क्यों दिया गया.मोरबी के भाजपा सांसद मोहन कुंडारिया ने बताया कि ब्रिज टूटने से जहां लोग गिरे, वहां 15 फीट तक पानी था. कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन कई लोग झूले पर अटके रहे.उन्हें निकाल लिया गया है. लेकिन जिन्हें तैरना नहीं आता था वे लापता हो गए हैं.

सड़क एवं भवन विभाग मंत्री जगदीश पांचाल ने मीडिया से हुई बातचीत में कहा कि यह पुल नगर निगम के स्वामित्व में है.निगम के अधिकारियों ने बताया कि ब्रिज की क्षमता करीब 100 लोगों की है, लेकिन रविवार की छुट्टी होने के चलते हादसे के वक्त ब्रिज पर 400 से 500 लोग जमा थे. इसी के चलते ब्रिज बीच से टूट गया.
रेस्क्यू के लिए SDRF और NDRF की टीमें मौजूद
घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए SDRF और NDRF की टीमें मौके पर मौजूद हैं. इसके अलावा कच्छ और राजकोट से तैराकों और दमकल की 7 टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है. कंट्रोल रूम और हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए गए हैं.
वायुसेना के गरुड़ कमांडो भी बचाव में
देर शाम रेस्क्यू के लिए जामनगर से वायुसेना के 50 गरुड़ कमांडो मोरबी पहुंचे थे. उनके साथ 50 रेस्क्यू बोट भी भेजे गए थे. ये गरुड़ कमांडो रात में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. नदी के दोनों किनारों पर फ्लड लाइट्स लगाई गई थीं.
ऐतिहासिक ब्रिज 140 साल पुराना
मोरबी का यह जोल्टो ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है. यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है.इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था. यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था. उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था. इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है. हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था.