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गड्ढा मुक्त मुंबई के सपनों पर पहला ब्रेक /ठेकेदारों के कर्टल में उलझी बीएमसी
रद्द किया 5800 करोड़ रुपए का टेंडर

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मानसून के समय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने (The first break on the dream of a pit-free Mumbai) बीएमसी से अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर मुंबई की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया था. लेकिन सीएम के साथ ही मुंबईकरों का गड्ढा मुक्त सड़कों पर पहला ब्रेक लग गया है. बीएमसी 400 किमी लंबी सड़क के लिए 5800 करोड़ रुपए की निकाली गई निविदा को रद्द कर दिया है. बीएमसी का कहना है कि उसे ठेकेदारों की तरफ से उचित प्रतिसाद नहीं मिला.
गौरतलब हो कि बीएमसी ने 2 अगस्त 2022 को 5 टेंडर जारी किया था. जिसे मंगलवार को रद्द करना पड़ा. बीएमसी प्रशासन का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई इसलिए टेंडर को रद्द कर दिया गया. मुंबई में गुणवत्ता पूर्ण सड़कों के लिए अब नए सिर टेंडर जारी किया जाएगा. पहले के टेंडर में जो शर्तें रखी गई थी उस पर पुनर्विचार कर क्वालिटी से बिना समझौता करते हुए जल्द ही नया टेंडर मंगाया जाएगा.
ठेकेदारों के कर्टल में उलझी बीएमसी
दरअसल बीएमसी में होने वाले किसी भी काम को बड़े ठेकेदार कर्टल बनाकर काम करते हैं. इस बार भी ऐसा हुआ है. कर्टल के कारण तीन महीने तक किसी बड़े ठेकेदार ने निविदा में हाथ नहीं डाला. इस बार बीएमसी की शर्तें बहुत कठोर थी. जिस कारण मलाई लूटने वाले ठेकेदारों को यह शर्त पसंद नहीं आई. इसलिए बीएमसी को दो कदम पीछे हटना पड़ा.
लागत बढ़ाने का खेल
बीएमसी को अब या तो अपनी शर्तों से पीछे हटकर ठेकेदारों को मलाई खाने देगी अथवा उसे 400 किमी सीमेंट कांक्रीट की सड़कों के लिए लागत बढ़ानी पड़ेगी. ठेकेदारों के इस खेल में बीएमसी सड़क विभाग के अधिकारी शामिल रहते हैं. यह तो तय है जब तक इन ठेकेदारों को राजनीतिक संरक्षण मिलता रहेगा मुंबई की सड़कें कभी गड्ढा मुक्त नहीं हो सकेंगी.
सबका कमीशन पक्का
नेता से लेकर अधिकारी तक बीएमसी के हर ठेके में सबका कमीशन फिक्स रहता है. बीएमसी हर साल सड़कों के गड्ढे भरने पर ही करोड़ों रुपए खर्च करती हैं. यदि मुंबई की सड़कें गड्ढा मुक्त हो गई तो हर साल अधिकारियों और नेताओं को मिलने वाला कमीशन कैसे निकलेगा. छोटे से लेकर बड़े अधिकारी, नेता सबको इसकी जानकारी होते हुए भी आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
मुंबईकरों को झांसे में रख रही बीएमसी
ठेका रद्द करने की खबर प्रकाशित कर बीएमसी मुंबईकरों को झांसे में रख रही हैं. बीएमसी को आज ही क्यों गुणवत्तापूर्ण सड़कों का ख्याल आ रहा है. अब बीएमसी कह रही है कि कुछ सख्त नियमों और शर्तों की समीक्षा की जाएगी और गुणवत्ता से समझौता किए बिना उसमें आवश्यक बदलाव किए जाएंगे. इससे स्पष्ट होता है कि वह इन ठेकेदारों के आगे झुकने जा रही है. बीएमसी को निजी ठेकेदार ही क्यों चाहिए. वह अच्छी सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियों से भी संपर्क कर सकती है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मशविरा लिया जा सकता है. लेकिन बीएमसी अधिकारी ऐसा नहीं करेंगे. क्योंकि इससे इससे उनका हित बाधित होगा.